आजमगढ़ में सपा के सबसे बुजुर्ग विधायक आलमबदी के साथ अखिलेश के सामने मंच पर धक्का-मुक्की हुई। इस घटना का वीडियो सामने आया है। विरोधी पार्टियों के साथ सोशल मीडिया यूजर्स जमकर निशाना साध रहे हैं। योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर ने इसे गुलामी से जोड़ते हुए सपा पर तंज कसा। उन्होंने X पर लिखा, ‘अखिलेश यादव के सामने ईमानदार विधायक आलमबदी जी को धक्के देकर किनारे कर दिया। सपा में गुलामी करने वाले मुसलमानों का यही हाल है।’ मामला तूल पकड़ने के बाद विधायक आलमबदी ने कहा, अखिलेश यादव मेरा बहुत सम्मान करते हैं। मंच पर सबसे ज्यादा मेरा नाम लेते हैं। किसी की हिम्मत है जो मुझे धक्का दे दे, वो तो अखिलेश के साथ फोटो खिंचाने के लिए नई उम्र के नेता ज्यादा उतावले रहते हैं। तो कभी-कभी ऐसे वाकए हो जाते हैं। अखिलेश खुद मेरा हाथ पकड़कर मंच से नीचे लेकर आए थे। अखिलेश यादव गुरुवार को आजमगढ़ में थे। उन्होंने अनवरगंज में सपा के नए कार्यालय का उद्घाटन किया। कार्यालय का नाम उन्होंने PDA भवन रखा है। कार्यक्रम में एक लड़के ने सिक्योरिटी घेरा भी तोड़ दिया था। वह करीब 5 मिनट तक हंगामा करता रहा। घटना से जुड़ी 2 फोटो देखिए… अब जानिए क्या हुआ था? आजमगढ़ में सपा कार्यालय उद्घाटन के मौके पर जनसभा हुई। अखिलेश यादव का भाषण खत्म हुआ तो कार्यकर्ता मंच पर उनका स्वागत बड़े माला के साथ करने लगे। सभी नेता अखिलेश यादव के साथ माले के अंदर आने की कोशिश कर रहे थे। इसी में आजमगढ़ की निजामाबाद सीट से 5वीं बार के विधायक आलमबदी भी शामिल थे। जिनकी उम्र 93 साल से अधिक है। पहले तो वे अखिलेश यादव के बिल्कुल नजदीक थे, लेकिन पल भर में ही पहले वहां के स्थानीय सांसद धर्मेंद्र यादव ने बलराम यादव को आगे करने के चक्कर में उन्हें पीछे कर दिया। आलमबदी ने विधायक संग्राम यादव का सहारा लेना चाहा, लेकिन उन्होंने भी अपना हाथ छुड़ा लिया। यह सब कैमरे में कैद हो गया, जिसे सोशल मीडिया पर खूब वायरल किया जा रहा है। AIMIM प्रवक्ता बोले- दोषियों को पार्टी से बाहर करें अखिलेश
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के प्रवक्ता आसिम वकार ने ‘दैनिक भास्कर’ से कहा, इतने बुजुर्ग नेता के साथ इस तरह का व्यवहार कहीं से भी काबिले बर्दाश्त नहीं है। आलमबदी साहब को चाहिए कि वे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से बात करें ओर शर्त रखें कि जो लोग अभद्रता करते हुए दिखाई दे रहे हैं, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करें और अगर वे दोषी हैं तो उन्हें पार्टी से बाहर करें। नहीं तो उन्हें खुद पार्टी से इस्तीफा दे देना चाहिए। ये सिर्फ आलमबदी का अपमान नहीं है बल्कि आजमगढ़ के साथ साथ पूरे यूपी के मुसलमानों का अपमान है। उन्होंने कहा, समाजवादी पार्टी के एक और बड़े नेता मंच से नदारद रहे। महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आजमी को क्या बुलाया नहीं गया या वे आए नहीं? दोनों बातों के कारण तलाश किए जाने चाहिए। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के महासचिव अरुण राजभर ने X पर वीडियो शेयर किया। लिखा, सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां की हालत एकदम आलमबदी जी जैसी हो गई है। नेता लोग धकिया के पीछे कर दे रहे हैं। एक बुजुर्ग मुस्लिम विधायक आलमबदी की हालत और हालात देखिए! और सोचिए। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष के सामने एक विधायक को किहुनिया- धकिया दिया तो आम मुसलमान की क्या दशा होगी? यह है असली PDA-A। समाजवादी पार्टी की जब-जब सरकार बनी है, तब-तब कुछ जातियों को छोड़कर समस्त पिछड़ा अति पिछड़ा सर्वाधिक पिछड़ा और वंचित वर्ग को ऐसे ही लतिया और धकिया दिया जाता है। राजनैतिक आलोचक आदिल सिद्दीकी ने लिखा, धक्का मुक्की बंद करो, गलत को गलत कहो। 5 बार के विधायक आलमबदी साहब की 93 साल की उम्र में ये इज्जत है, बाकी नेताओं को छोड़ो। आज आजमगढ़ में मुस्लिम रहनुमा की ये बेइज्जती बर्दाश्त नहीं। दानिश अंजार ने लिखा, आज भी सादी ज़िंदगी जीने वाले विधायक आलमबदी के साथ धक्का मुक्की और अखिलेश यादव की सिक्योरिटी द्वारा उन्हें हटाना परेशान करने वाला है। इनकी उम्र 92 साल है, इसका लिहाज तो किया होता। एक और यूजर अमन पठान ने अपनी पोस्ट में लिखा, आजमगढ़ की निजामाबाद विधानसभा सीट पर वर्ष 1993 से लगातार समाजवादी पार्टी की जीत का डंका बजा रहे उत्तर प्रदेश के सबसे उम्रदराज विधायक आलमबदी साहब को अखिलेश यादव के सामने मंच पर धक्का दिया गया। मंच पर धक्का आलमबदी को नहीं मुसलमानों को दिया गया। सपा प्रवक्ता बोले- इस तरह की घटना और भी नेताओं के साथ हो जाती है
प्रवक्ता मनोज यादव कहते हैं, सपा अपने सभी नेताओं का सम्मान करती है। आलमबदी साहब साफ सुथरी छवि के नेता और ईमानदार नेता हैं। इनका सम्मान खुद अखिलेश यादव भी करते हैं। वे आज भी दो लाख वोटों से चुनाव जीतते है। जहां तक आजमगढ़ की घटना का सवाल है, भीड़ में हमेशा लोग माले के अंदर आने का प्रयास करते हैं। उसमें इस तरह की घटना और भी नेताओं के साथ हो जाती है। किसी ने जानबूझकर ऐसा किया, ऐसा बिल्कुल नहीं है। उसी मंच पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उनका सम्मान शाल ओढ़ा कर किया, खुद अखिलेश ने मंच से उनकी तारीफ की। ऐसे में जिन लोगों से अनजाने में ही ऐसा हुआ है, उन्हें भी आलमबदी से माफी मांगनी चाहिए, इसमें कोई बुराई नहीं है। सपा समर्थक एक यूजर सूर्या समाजवादी हैंडिल से घटना का बचाव करते हुए लिखा गया, अखिलेश यादव ने न सिर्फ आलमबदी की तारीफ की, बल्कि मंच पर ही उन्होंने शॉल ओढ़ा कर सम्मानित भी किया। केशव देव मौर्य ने किया सपा का बचाव
महान दल के नेता केशव देव मौर्य ने सपा का बचाव किया। उन्होंने लिखा, भाजपा के गुलाम गोदी मीडिया वालों को और गुलाम सोशल मीडिया वालों को सपा के आजमगढ़ मंच पर सपा के बुजुर्ग मुस्लिम विधायक आलमबदी साहब का अनजाने में धक्का लगता दिख गया, लेकिन आजमगढ़ के सपा मंच पर सपा विधायक आलमबदी साहब का इतना सम्मान क्यों नहीं दिखा? अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को सम्मान और महत्व देना ‘अखिलेश यादव’ से सभी को सीखना चाहिए। कौन हैं आलम बदी?
अपनी गांधी वादी छवि के लिए मशहूर आलम बदी मुलायम सिंह के करीबी नेताओं में से रहे हैं। उनकी गिनती बेहद ईमानदार नेताओं में होती रही है। वे 1996, 2002, 2012, 2017 और 2022 में निजामाबाद सीट से विधायक रह चुके हैं। वे आज भी सबसे कम पैसा खर्च कर चुनाव जीतते रहे हैं। ————————- यह खबर भी पढ़िए:- लखीमपुर में दलित बच्चे का शव पेड़ से लटकता मिला:पिता बोले- दरोगा ने हत्या कराई; कहता है- सपा सरकार आने दो, घर जलवा दूंगा लखीमपुर में 8 साल के दलित बच्चे का शव पेड़ से लटकता मिला। उसके शरीर पर चोट के निशान थे। वह शाम को घास काटने निकला था। लेकिन लापता हो गया। परिजनों ने खोजबीन की तो घर से 250 मीटर दूर उसका शव केले के खेत में बबूल के पेड़ से लटकता मिला। परिजनों ने झंडी चौकी के इंचार्ज पर विपक्षियों से 5 लाख रुपए घूस लेकर हत्या करवाने का आरोप लगाया। पिता ने कहा, दरोगा ने धमकी दी थी कि सपा सरकार आने दो, घर जलवा दूंगा। पढ़ें पूरी खबर…

अखिलेश के सामने सपा के सबसे बुजुर्ग विधायक से धक्का-मुक्की:मंत्री राजभर के बेटे बोले- सपा में गुलामी करने वाले मुस्लिमों का यही हाल है
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