अलीगढ़ में 3 हत्यारों को हुई उम्रकैद:दोषियों ने 10 साल पहले की थी युवक की हत्या, एडीजे-1 कोर्ट में चल रहा था ट्रायल 

​अलीगढ़ के गोंडा थाना क्षेत्र में 10 साल पहले हुई युवक की हत्या के मामले में कोर्ट ने आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है। एडीजे प्रथम कोर्ट ने तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा दी है और आर्थिक दंड भी लगाया है। तीनों ने 2015 में युवक की हत्या कर दी थी और फिर मौके से फरार हो गए थे। मृतक के चचेरे भाई ने गोंडा थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच की थी और चार्जशीट पेश की थी। इसके बाद से लगातार मामले का ट्रायल चसल रहा था। साक्ष्य और गवाहों के आधार पर एडीजे प्रथम हरविंदर सिंह की कोर्ट ने सजा सुनाई है। खेत में युवक को मारी थी गोली एडीजीसी कृष्ण मुरारी जौहरी ने बताया कि घटना 30 अगस्त 2015 की है। गोंडा थाना क्षेत्र के गांव मगदा निवासी संतोष चौधरी पुत्र भूरी सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़ित ने तहरीर देकर बताया था कि दोपहर लगभग 2:15 बजे वह अपने खेत में गया था। खेत में उसके चाचा बच्चू सिंह और चचेरा भाई कुशलपसाल सिंह काम कर रहे थे। वह खेत में पहुंचा ही था कि तभी करन पुत्र गीतम सिंह निवासी दरवर, दीपू पुत्र कालीचरण सारस्वत निवासी दरवर और सूखा पुत्र विजय निवासी मुरवार वहां आ गए। आरोपियों ने उनके भाई के साथ गाली गलौज शुरू कर दी और तीनों ने तमंचे निकाल लिए। जयपुर में इलाज के दौरान हुई थी मौत पीड़ित ने बताया था कि जब तीनों ने हथियार निकाले तो वह खेत से भागने लगे। लेकिन तीनों ने उसके भाई कुशलपाल को पकड़ लिया था और सीने में तमंचा रखकर गाली मार दी थी। जब उन लोगों ने शोर मचाया तो सभी को जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से भाग गए थे। इसके बाद वह घायल को अलीगढ़ एक निजी अस्पताल लाए थे। यहां से उसे नोएडा के निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया था। 11 सितंबर 2015 को उसे नोएडा से जयपुर रेफर कर दिया गया था ओर तीन दिन तक जयपुर में मृतक का इलाज चला था। 13 सितंबर को उसकी अस्पताल में ही मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद राजस्थान पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया था। दो दोषियों को भेजा गया जेल, एक पहले से बंद कोर्ट में सोमवार को दीपू और सूखा को पेश किया गया था। यह दोनों इस मामले में जमानत पर रिहा थे। लेकिन सूखा एक अन्य मामले में जेल में था, जिसके चलते उसे कोर्ट में तलब किया गया था। वहीं तीसरा दोषी करन इसी मामले में पहले से ही जेल में बंद था। कोर्ट का फैसला आने के बाद पुलिस ने दोनों दोषियों को जेल भेज दिया है। वहीं पीड़ित परिवार के लोगों ने 10 साल बाद न्याय मिलने पर राहत की सांस ली है। 

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