कैसा हो अगर आपके दिमाग को हैकर्स कंट्रोल कर लें तो? जी हां, वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) की टेक्नोलॉजी आने के बाद से अब दिमाग का हैक होना भी संभव है। वहीं मध्य प्रदेश के एक स्कूल में दो कमरों की पुताई में 395 मजदूर लगे और बिल ढाई लाख का लगाया। क्या हो अगर आप मन में सोचकर ही फैन चालू कर दें। ये कोई जादू नहीं बल्कि ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) नाम की टेक्नोलॉजी है, जो इंसानी सोच को मशीन से जोड़ रही है। लेकिन अब कॉर्नेल यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड की रिसर्च ने खतरों को लेकर आगाह किया है। रिसर्च के मुताबिक- अगर मशीन आपके दिमाग को समझ सकती है, तो हैकर भी ऐसा कर सकता है। मतलब फ्यूचर में सोच को चुराना, इमोशन बदलना और आपके डीसीजन को कंट्रोल करना भी मुमकिन हो सकता है। कैसे काम करता है BCI?
ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस एक ऐसा सिस्टम है, जो इंसान के दिमाग से निकलने वाले सिग्नल्स को पढ़कर उन्हें डिजिटल कमांड में बदल देता है। ये टेक्नोलॉजी आज विकलांगों के लिए व्हीलचेयर चलाने, गेम कंट्रोल करने या दवा का असर समझने जैसे कामों में इस्तेमाल हो रही है। BCI दो तरह के होते हैं: वैज्ञानिकों ने कहा- न्यूरो प्रोटेक्शन का नियम बने TIME मैगजीन की रिपोर्ट के मुताबिक, दिमाग को हैक करना अभी पूरी तरह संभव नहीं है, लेकिन जल्द इंसान की सोच भी किसी सर्वर में सेव होने लगेगी। फिर हैकर्स इस प्रोसेस को रिवर्स कर दिमाग हैक कर सकेंगे। इसलिए न्यूरो-प्रोटेक्शन को लेकर अभी से कानून बनना चाहिए। मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पुताई के नाम पर भ्रष्टाचार का खेल एक बार फिर सामने आया है। पहले 4 लीटर पेंट पर 233 लोगों की मजदूरी का बिल सामने आया था, अब 20 लीटर पेंट के लिए पूरे 395 मजदूर लगे। यह मामला शहडोल जिले के निपानिया स्कूल का है, जहां 5 मई 2025 की तारीख पर स्कूल में पुताई का दूसरा बिल सामने आया है। इस बार पुताई के लिए 20 लीटर पेंट खरीदा गया, लेकिन बिल में लिखा गया कि 275 मजदूर और 150 मिस्त्री काम में लगे। इसका पूरा खर्च बना ₹2 लाख 31 हजार। जानकारों ने बताया कि 20 लीटर पेंट में सिर्फ 2 कमरों की डबल कोट पुताई हो सकती है। बिल दो, लेकिन तारीख और घोटालेबाज सेम
इस मामले में अजीबोगरीब बात ये है कि इससे पहले 4 लीटर पेंट के घोटाले में सुधाकर कंस्ट्रक्शन का नाम सामने आया था। इस बार भी उसी ठेकेदार ने 20 लीटर पेंट का फर्जी बिल बनाया है। इस मामले पर शहडोल कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने जिला शिक्षा अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों से पैसे वसूली के निर्देश भी दिए हैं। जब ज्यादातर लोग रिटायरमेंट के बाद घर में आराम करना चुनते हैं। अमेरिका की 77 वर्षीय शेरोन लेन ने उलटा रास्ता चुना। उन्होंने अपना घर छोड़ दिया और अगले 15 साल तक एक क्रूज पर रहने का फैसला किया है, ताकि दुनिया भर की सैर कर सकें। शेरोन ने ₹1.11 करोड़ की रकम खर्च करके एक ‘इंसाइड विला’ खरीदा है, जो अब उनका नया घर है। इस क्रूज में वाई-फाई, लाइब्रेरी, क्लब, स्पा, पिकलबॉल कोर्ट, लाउंज, फिटनेस सेंटर और पूल जैसी फाइव-स्टार सुविधाएं हैं। शेरोन ने ऐसी जिंदगी क्यों चुनी?
शेरोन लेन कैलिफोर्निया की एक रिटायर्ड टीचर हैं। उन्होंने बताया कि क्रूज पर रहना न केवल उनका सपना था, बल्कि वो अमेरिका में अपने घर में रहने से सस्ता है। शेरोन ने एक इंटरव्यू में कहा- यहां रहना सस्ता है। मुझे किसी की देखभाल नहीं करनी पड़ती, हर जरूरत का इंतजाम है। यह जहाज समुद्र और नदी, दोनों पर चल सकता है। इसकी यात्रा साढ़े तीन साल में पूरी होगी। इस दौरान 147 देश और 425 जगहों पर घुमाएगी। शेरोन ने 16 जून को वैंकूवर और अलास्का से अपनी यात्रा की शुरुआत की थी। अब वे जापान और ताइवान जाने वाली हैं। एशिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था साउथ कोरिया मंदी से लड़ने के लिए अपने नागरिकों को फ्री कैश बांटने जा रही है। इसके तहत हर नागरिकों को ‘कंजम्पशन कूपन’ दिए जाएंगे, ताकि वे ज्यादा से ज्यादा पैसा खर्च करें। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इसके लिए सरकार ने 31.8 ट्रिलियन वॉन (लगभग ₹2.19 लाख करोड़) का बजट तय किया है। यह प्रोग्राम 21 जुलाई से शुरू होकर 12 सितंबर तक चलेगा। गृह मंत्रालय ने बताया कि 18 जून तक दक्षिण कोरिया में रहने वाले सभी नागरिकों को एक बार में 150,000 वॉन (लगभग ₹9,150) दिए जाएंगे। यह पैसा क्रेडिट या डेबिट कार्ड, प्रीपेड कार्ड या लोकल सरकार द्वारा जारी गिफ्ट सर्टिफिकेट के जरिए दिया जाएगा। कमजोर तबके को ज्यादा मदद: खेतों में जंगली घास की समस्या से किसान हमेशा परेशान रहते हैं, और मजदूरों की कमी के चलते ये दिक्कत और बढ़ जाती है। लेकिन अब अमेरिका के एक स्टार्टअप ने ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से चलने वाला रोबोट बनाया है, जो खेतों से जंगली घास हटाएगा। हाल ही में कैलिफोर्निया के एक कपास के खेत में खरपतवारों को उखाड़ते हुए देखा गया था। कंपनी का दावा है कि ‘एलिमेंट’ नाम का यह रोबोट किसानों के पैसे बचाने के साथ-साथ पर्यावरण की भी मदद कर सकता है। यह हानिकारक घास को फसलों से दूर रखेगा। ये रोबोट कैसे काम करता है? तो ये थी आज की रोचक खबरें, कल फिर मिलेंगे कुछ और दिलचस्प और हटकर खबरों के साथ… खबर हटके को और बेहतर बनाने के लिए हमें आपका फीडबैक चाहिए। इसके लिए यहां क्लिक करें…

खबर हटके- हैकर्स इंसानों का दिमाग कंट्रोल करेंगे:दो कमरों की पुताई में लगे 395 मजदूर, ढाई लाख का बिल; जानिए 5 रोचक खबरें
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