चंडीगढ़ एयरपोर्ट को ‘पॉइंट ऑफ कॉल’ बनाने की मांग:इंटरनेशनल उड़ानों के लिए केंद्र से मंजूरी की अपील, सांसद भी उठा चुके हैं मुद्दा 

केंद्र सरकार की सिविल एविएशन कॉन्फ्रेंस में चंडीगढ़ प्रशासन ने चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट को ‘पॉइंट ऑफ कॉल’ का दर्जा देने की जोरदार मांग रखी है। इसका मकसद यह है कि विदेशी एयरलाइंस को यहां से सीधी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने की अनुमति मिल सके। बैठक में यूटी के चीफ सेक्रेटरी राजीव वर्मा समेत वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। अधिकारियों ने बताया कि पंजाब, हरियाणा और आसपास के राज्यों से इंटरनेशनल ट्रैवल करने वालों की संख्या काफी बढ़ी है, लेकिन अभी भी सीधे विदेशी फ्लाइट्स की सुविधा बहुत सीमित है। अगर एयरपोर्ट को ‘पॉइंट ऑफ कॉल’ का दर्जा मिल जाता है, तो चंडीगढ़ से दुनिया के कई हिस्सों के लिए सीधी उड़ानों का रास्ता खुल जाएगा। इसलिए पॉइंट ऑफ कॉल स्टेटस जरूरी ‘पॉइंट ऑफ कॉल’ वह दर्जा है जिसके तहत बाइलेट्रल एयर सर्विस एग्रीमेंट के अंतर्गत विदेशी एयरलाइंस को किसी एयरपोर्ट से सीधी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने की अनुमति मिलती है। चंडीगढ़ एयरपोर्ट को यह दर्जा मिलने से क्षेत्र के हजारों यात्रियों को लाभ होगा और उनकी दिल्ली एयरपोर्ट पर निर्भरता भी कम होगी। अधिकारियों ने यह भी सुझाव दिया कि एयरपोर्ट का पुराना टर्मिनल, जो चंडीगढ़ क्षेत्राधिकार में आता है और फिलहाल अप्रयुक्त है, उसे भी दोबारा चालू किया जाए। इससे अंतरराष्ट्रीय उड़ानों और यात्रियों का बढ़ता दबाव संभालने में मदद मिलेगी और नए निर्माण की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी। सांसद भी संसद में उठा चुके हैं मुद्दा एक अधिकारी ने बताया कि इस मुद्दे को क्षेत्र के सांसद भी कई बार लोकसभा में उठा चुके हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि “अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए सीधी कनेक्टिविटी अब एक आवश्यकता बन चुकी है, न कि केवल मांग।” फिलहाल, केंद्र सरकार का यह कहना रहा है कि नए अंतरराष्ट्रीय रूट्स की शुरुआत एविएशन कंपनियों की रुचि पर निर्भर करती है। अब सभी निगाहें नागर विमानन मंत्रालय पर हैं, जिसे चंडीगढ़ को अंतरराष्ट्रीय विमानन केंद्र के रूप में विकसित करने की अपील की गई है। 

Related Posts