जितनी इज्जत मुझे मुलायम सिंह यादव देते थे उतनी ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी देते हैं। मैं ही उस दिन भीड़ से निकलने की कोशिश कर रहा था, लेकिन लोगों को अपमानित दिखाई दे रहा। मेरे साथ कोई धक्का-मुक्की नहीं हुई। समाजवादी पार्टी सबको इज्जत देने का काम करती है। ये बातें दैनिक भास्कर से आजमगढ़ के निजामाबाद विधानसभा सीट से सपा विधायक आलमबदी ने कहीं। अखिलेश यादव ने आजमगढ़ में 3 जुलाई को पीडीए भवन का उद्घाटन किया था। इस दौरान मंच पर 89 साल के बुजुर्ग विधायक को धक्का लग गया था। इसे कई पार्टी नेताओं ने बदसलूकी बताया था। बदसलूकी पर सपा विधायक आलमबदी ने क्या कहा वो पढ़िए मेरा दम घुटने लगा, मैं खुद धक्का देकर निकला विधायक आलमबदी ने कहा- 3 जुलाई को आपने फेसबुक या सोशल मीडिया पर जो भी देखा वह सब फर्जी है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंच पर लाखों लोगों और 10 विधायकों के बीच मेरी तारीफ की। सपा में कोई किसी को अपमानित नहीं करता है। उस दिन कुछ लोग बड़ी माला लेकर आ रहे थे। मुझे सांसद धर्मेंद्र यादव ने भी इशारा किया। मैं भी वहां जाने लगा। तभी मैं बड़ी माला लेकर आने वाली भीड़ में फंस गया। सफोकेशन होने पर मैंने खुद वहां से निकले की कोशिश की। मैंने ही एक दो लोगों को धक्का दिया, जिससे कि बाहर निकल सकूं। यही दूसरों को अपमानित दिख रहा है। हाईफाई बनोगे तो ईश्वर छोटा कर देगा विधायक आलमबदी ने कहा- हाईफाई बनोगे तो ईश्वर छोटा कर देगा। आप छोटे रहोगे तो ऊपर वाला आपको बड़ा बना देगा। धनबल और बाहुबल से कोई बड़ा नहीं होता। मेरा जितनी इज्जत मुलायम सिंह यादव करते थे, उतनी ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव जी भी करते हैं। लेकिन दूसरी पार्टी के नेता राजनीति के बहाने इस मामले को तूल दे रहे हैं। अब पढ़िए, उस दिन क्या हुआ था? आजमगढ़ में सपा कार्यालय (पीडीए भवन) उद्घाटन के मौके पर जनसभा हुई। अखिलेश यादव का भाषण खत्म हुआ तो कार्यकर्ता मंच पर उनके स्वागत के लिए बड़ी माला लेकर पहुंचे। इस दौरान सभी नेता अखिलेश के साथ माले के अंदर आने की कोशिश कर रहे थे। इनमें आजमगढ़ की निजामाबाद सीट से 5 बार के विधायक आलमबदी भी शामिल थे। उनकी उम्र 89 साल है। पहले तो वे अखिलेश यादव के बिल्कुल नजदीक थे। अचानक से मंच पर चौहान समाज के लोग मंच पर चढ़े। वे अखिलेश को बड़ी माला पहनाकर तस्वीर खिंचवाना चाहते थे। इसी दौरान मंच पर भारी भीड़ के बीच धक्का-मुक्की हुई। बुजुर्ग सपा विधायक आलमबदी धक्का लगने से किनारे हो गए। यह पूरा वाकया कैमरे में कैद हो गया, जिसे सोशल मीडिया पर जमकर देखा जा रहा है। राजभर के बेटे ने कहा- सपा में गुलाम मुस्लिमों का यही हाल योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर ने इसे गुलामी से जोड़ते हुए सपा पर तंज कसा। उन्होंने X पर लिखा, ‘अखिलेश यादव के सामने ईमानदार विधायक आलमबदी जी को धक्के देकर किनारे कर दिया। सपा में गुलामी करने वाले मुसलमानों का यही हाल है।’ AIMIM प्रवक्ता बोले- दोषियों को पार्टी से बाहर करें अखिलेश
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के प्रवक्ता आसिम वकार ने ‘दैनिक भास्कर’ से कहा, इतने बुजुर्ग नेता के साथ इस तरह का व्यवहार कहीं से भी काबिले बर्दाश्त नहीं है। आलमबदी साहब को चाहिए कि वे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से बात करें ओर शर्त रखें कि जो लोग अभद्रता करते हुए दिखाई दे रहे हैं, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करें। अगर वे दोषी हैं तो अखिलेश उन्हें समाजवादी पार्टी से बाहर करें। नहीं तो विधायक आलमबदी को खुद पार्टी से इस्तीफा दे देना चाहिए। ये अपमान सिर्फ आलमबदी का नहीं, बल्कि आजमगढ़ के साथ-साथ पूरे यूपी के मुसलमानों का है। उन्होंने कहा, समाजवादी पार्टी के एक और बड़े नेता मंच से नदारद रहे। महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आजमी को क्या बुलाया नहीं गया या वे आए नहीं? दोनों बातों के कारण तलाश किए जाने चाहिए। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के महासचिव अरुण राजभर ने X पर वीडियो शेयर किया। लिखा, सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां की हालत एकदम आलमबदी जी जैसी हो गई है। नेता लोग धकिया के पीछे कर दे रहे हैं। एक बुजुर्ग मुस्लिम विधायक आलमबदी की हालत और हालात देखिए! और सोचिए। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष के सामने एक विधायक को किहुनिया- धकिया दिया तो आम मुसलमान की क्या दशा होगी? यह है असली PDA-A। समाजवादी पार्टी की जब-जब सरकार बनी है, तब-तब कुछ जातियों को छोड़कर समस्त पिछड़ा अति पिछड़ा सर्वाधिक पिछड़ा और वंचित वर्ग को ऐसे ही लतिया और धकिया दिया जाता है। राजनैतिक आलोचक आदिल सिद्दीकी ने लिखा, धक्का मुक्की बंद करो, गलत को गलत कहो। 5 बार के विधायक आलमबदी साहब की 93 साल की उम्र में ये इज्जत है, बाकी नेताओं को छोड़ो। आज आजमगढ़ में मुस्लिम रहनुमा की ये बेइज्जती बर्दाश्त नहीं। दानिश अंजार ने लिखा, आज भी सादी ज़िंदगी जीने वाले विधायक आलमबदी के साथ धक्का मुक्की और अखिलेश यादव की सिक्योरिटी द्वारा उन्हें हटाना परेशान करने वाला है। इनकी उम्र 92 साल है, इसका लिहाज तो किया होता। एक और यूजर अमन पठान ने अपनी पोस्ट में लिखा, आजमगढ़ की निजामाबाद विधानसभा सीट पर वर्ष 1993 से लगातार समाजवादी पार्टी की जीत का डंका बजा रहे उत्तर प्रदेश के सबसे उम्रदराज विधायक आलमबदी साहब को अखिलेश यादव के सामने मंच पर धक्का दिया गया। मंच पर धक्का आलमबदी को नहीं, मुसलमानों को दिया गया। सपा प्रवक्ता बोले- इस तरह की घटना और भी नेताओं के साथ हो जाती है
प्रवक्ता मनोज यादव कहते हैं, सपा अपने सभी नेताओं का सम्मान करती है। आलमबदी साहब साफ सुथरी छवि के नेता और ईमानदार नेता हैं। इनका सम्मान खुद अखिलेश यादव भी करते हैं। वे आज भी दो लाख वोटों से चुनाव जीतते है। जहां तक आजमगढ़ की घटना का सवाल है, भीड़ में हमेशा लोग माले के अंदर आने का प्रयास करते हैं। उसमें इस तरह की घटना और भी नेताओं के साथ हो जाती है। किसी ने जानबूझकर ऐसा किया, ऐसा बिल्कुल नहीं है। उसी मंच पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उनका सम्मान शाल ओढ़ा कर किया, खुद अखिलेश ने मंच से उनकी तारीफ की। ऐसे में जिन लोगों से अनजाने में ही ऐसा हुआ है, उन्हें भी आलमबदी से माफी मांगनी चाहिए, इसमें कोई बुराई नहीं है। सपा समर्थक एक यूजर सूर्या समाजवादी हैंडिल से घटना का बचाव करते हुए लिखा गया, अखिलेश यादव ने न सिर्फ आलमबदी की तारीफ की, बल्कि मंच पर ही उन्होंने शॉल ओढ़ा कर सम्मानित भी किया। केशव देव मौर्य ने किया सपा का बचाव
महान दल के नेता केशव देव मौर्य ने सपा का बचाव किया। उन्होंने लिखा, भाजपा के गुलाम गोदी मीडिया वालों को और गुलाम सोशल मीडिया वालों को सपा के आजमगढ़ मंच पर सपा के बुजुर्ग मुस्लिम विधायक आलमबदी साहब का अनजाने में धक्का लगता दिख गया, लेकिन आजमगढ़ के सपा मंच पर सपा विधायक आलमबदी साहब का इतना सम्मान क्यों नहीं दिखा? अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को सम्मान और महत्व देना ‘अखिलेश यादव’ से सभी को सीखना चाहिए। कौन हैं आलमबदी?
अपनी गांधीवादी छवि के लिए मशहूर आलम बदी मुलायम सिंह के करीबी नेताओं में से रहे हैं। उनकी गिनती बेहद ईमानदार नेताओं में होती रही है। 1996 में जब मुलायम सिंह यादव ने विधायक आलम बदी को 5 लाख रुपए चुनाव लड़ने के लिए भेजे थे। इस पैसे को उन्होंने यह कहकर मुलायम सिंह यादव को लखनऊ जाकर वापस कर दिया था कि इसकी जरूरत नहीं है। वे 1996, 2002, 2012, 2017 और 2022 में निजामाबाद सीट से विधायक रह चुके हैं। वे आज भी सबसे कम पैसा खर्च कर चुनाव जीतते रहे हैं। की-पैड वाला मोबाइल और 30 रुपए मीटर का पहनते हैं कपड़ा विधायक आलमबदी मामूली 30 रुपए मीटर से बना कपड़ा पहनते हैं। जो कि अंबेडकरनगर के टांडा मिल से बनकर आता है। उनके पास आज भी की-पैड वाला मोबाइल है। ————– ये खबर भी पढ़िए एक किलो का ‘योगी’ आम देखकर चौंके CM:कटहल जैसा दिखता है मोदी-3.0 आम; VIDEO में लखनऊ का मैंगो फेस्टिवल लखनऊ के शिल्पग्राम में तीन दिवसीय आम महोत्सव का शुक्रवार को आगाज हुआ। मैंगो फेस्टिवल में आम की 800 से अधिक वैराइटी का प्रदर्शन किया जा रहा है। इसमें पांच प्रकार के आम यहां आने वाले लोगों को सबसे अधिक लुभा रहे हैं। सबसे वजनी भृगु आम चार से पांच किलो का है। यह लोगों के लिए किसी अजूबे से कम नहीं है। पूरी खबर पढ़िए

मंच पर दम घुटने लगा, मैं खुद धक्का मारकर हटा:अखिलेश के सामने धकियाए गए आलमबदी बोले- यह लोगों को अपमान दिख रहा
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