वाराणसी में MSc स्टूडेंट अलका बिंद का हत्यारा उसका बॉयफ्रेंड निकला। दोनों के बीच एक साल से अफेयर था। होटल में लगे CCTV की मदद से पुलिस आरोपी तक पहुंची। वारदात के 27 घंटे के अंदर मुठभेड़ के बाद पुलिस ने साहब बिंद को अरेस्ट कर लिया। वह मिर्जामुराद का ही रहने वाला है, जहां की अल्का थी। पुलिस ने आरोपी साहब के पैर पर गोली मारी है। हॉस्पिटल में इलाज के बाद साहब बिंद से अफसरों ने पूछा- अलका को क्यों मार डाला? उसने बताया- वो शादी का दबाव बना रही थी। मैं तैयार नहीं था, वो मुझसे बार-बार पैसे मांगती थी, मैं कहां से देता…। इसलिए उसको होटल में बुलाया और गला रेत दिया। इसके बाद मैं शहर छोड़कर गुजरात वापस जाना चाहता था, मगर हाईवे पर पुलिस की नाकाबंदी में फंस गया। दरअसल, 2 जुलाई की शाम 4 बजे नेशनल हाईवे पर रूपापुर इलाके के होटल विधान बसेरा ढाबा के कमरे में अलका बिंद की लाश मिली थी। लाश कंबल में लिपटी हुई थी। होटल के स्टाफ ने पुलिस को बताया कि लड़की के आने से 15 मिनट पहले एक लड़के ने कमरा बुक किया था। महीने दो महीने में दोनों यहां आते-जाते थे, इसलिए रजिस्टर पर कोई एंट्री भी नहीं की जाती थी। बुधवार को दोनों कमरे में गए, मगर शाम तक कोई बाहर नहीं आया। स्टाफ को लगा कि रूम खाली है, वो सफाई करने अंदर गया, तो बेड पर लड़की लाश पड़ी थी। पुलिस ने लाश के पास से ही चाकू भी बरामद कर लिया, जोकि ढाबे के किचन का था। इस चाकू को साहब ने स्टाफ की नजरों से बचकर उठा लिया था। लव स्टोरी से मर्डर तक पहुंची कहानी पढ़िए… अब अलका और साहब की लव स्टोरी पढ़िए.. साहब ने कहा- एक साल पहले एक फंक्शन में अलका से मिला
पुलिस कस्टडी में साहब बिंद ने कहा- मैं गुजरात के सूरत में कपड़ा फैक्ट्री में काम करता हूं, वहां मशीन यूनिट संभालता था। अलका से मेरी मुलाकात 2024 में एक शादी समारोह में हुई थी। मेहंदीगंज के उस फंक्शन में पहली बार बात हुई, उसने मुझे मोबाइल नंबर दिया। फिर हमारी बात होने लगी। पुलिस ने पूछा- होटल विधान बसेरा में क्या मिलने जाते थे? साहब ने कहा- अलका कहती थी कि यहां उसे ज्यादातर लोग जानते हैं, इसलिए हम बंद कमरे में ही मिलते थे। 2 जुलाई से पहले नवरात्रि और होली पर होटल में मिले थे। मैं मिलने के बाद वापस गुजरात चला जाता था। पुलिस ने पूछा- जब तुम अलका को प्यार करते थे, तो मारा क्यों? साहब ने कहा- वो मुझसे शादी करना चाहती थी, अभी मेरी छोटी सी नौकरी है, वो बहुत दबाव बना रही थी। फोन पर भी झगड़ती थी। मैं क्या करता? वो पैसे भी मांगने लगी थी। पहले मैंने दिया, मगर फिर सोचा कि ऐसा कब तक चलेगा, इसलिए उसको मार डाला। साहब ने कहा- मैंने सिर्फ चाकू उसकी गर्दन पर रखा, फिर खून बहने लगा
आरोपी ने बताया, 30 जून को हमारी फोन पर बात हुई। मैंने ही तय किया कि 2 जुलाई को गुजरात से मैं वाराणसी आ जाऊंगा। सुबह 9 बजे मैं होटल पहुंचा। रूम बुक किया और अलका का इंतजार करने लगा। वो 20 मिनट के बाद आ गई। मैंने एक चाकू पहले ही रसोई से उठा लिया था। मैंने पहले उसको समझाने का प्रयास किया। मगर वो अड़ी हुई थी कि शादी करो, नहीं तो पैसे दो। हमारे बीच झगड़ा शुरू हुआ। फिर गुस्से में मैंने उसके गले पर चाकू रख दिया। मैं समझ ही नहीं पाया कि वो कैसे गर्दन पर चलता चला गया, फिर खून ही खून फैल गया। साहब ने कहा- मेरी आंखों के आगे अंधेरा छा गया। कुछ समझ नहीं आया। मैं वहीं बैठ गया। जब होश संभला, तो अलका की लाश को मैंने एक कंबल में लपेट दिया। क्योंकि खून बहुत बह रहा था। इसके बाद मैंने सोचा कि अगर उसका पहचान पत्र और मोबाइल होटल स्टाफ को नहीं मिलेगा, तो कुछ दिन किसी को पता ही नहीं चलेगा कि ये लड़की कौन है? इसलिए मैं एडमिट कार्ड और मोबाइल लेकर भाग गया। अब पुलिस कातिल तक कैसे पहुंची, ये जानिए अलका की एक नंबर पर लंबी बातचीत, ट्रेस करते हुए पुलिस आरोपी तक पहुंची
पुलिस ने लाश मिलने के बाद फोरेंसिक साक्ष्य जुटाए गए। रजिस्टर चेक किया, मगर उसमें रूम बुकिंग के रिकॉर्ड नहीं मिले। स्टाफ से पूछताछ के बाद एक मोबाइल नंबर और लड़के का हुलिया मिला। इस आधार पर पुलिस ने सभी टीमों को एक्टिव कर दिया। जो साक्ष्य पुलिस के मददगार बने, उनमें कैमरे की फुटेज, फिंगर प्रिंट और खून से सना हुआ चाकू था। पुलिस को अलका के मोबाइल CDR से एक खास नंबर पर लंबी बातचीत मिली। इस नंबर को ट्रेस किया तो लोकेशन भदोही में मिली। यहां साहब की बहन का घर है, वह शहर छोड़कर वापस गुजरात जाने की तैयारी कर रहा था। पुलिस ने उसकी घेराबंदी की और अरेस्ट कर लिया। पुलिस के अफसरों के मुताबिक, साहब को थाने लाया जा रहा था। मिर्जामुराद के पास शिवरामपुर चट्टी के पास डंगहरिया में साहब ने एक दरोगा की पिस्टल छीनकर भागने का प्रयास किया। इसके बाद पुलिस ने फायरिंग की। साहब के दाहिने पैर में गोली लगी है। होटल स्टाफ का बयान कहा- लड़के के बारे में पूछकर वो कमरे में चली गई, फिर लाश मिली
होटल के CCTV में 2 जुलाई की सुबह 9.30 बजे अलका अपनी मर्जी से ढाबे पर आती हुई दिखी थी। काउंटर पर लड़के से कुछ पूछताछ की। फिर कमरे में चली गई। स्टाफ ने बताया कि वो पहले भी इस लड़के से मिलने यहां आ चुकी है। कई बार सहेलियों के साथ भी मिलने आई, तब उन लोगों ने यहां लंच किया। पुलिस ने कॉलेज में अलका की क्लासमेट से पूछताछ की। उन्होंने बॉयफ्रेंड के बारे में पुलिस को बता दिया। पुलिस ने ढाबा मैनेजर और कर्मचारियों समेत अब तक चार लोगों को हिरासत में ले रखा है। इधर, छात्रा के घरवालों ने गुरुवार सुबह हंगामा किया था। नाराज घरवालों ने शव लेकर हाईवे पर चक्का जाम कर दिया। वाराणसी-प्रयागराज हाईवे के दोनों लेन बंद कर दी थीं। वाहनों की लंबी कतारें लग गई थीं। एडिशनल सीपी शिव हरी मीणा ने ग्रामीणों से बात की। ग्रामीणों ने कहा- होटल पर बुलडोजर चले। आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए। एडिशनल सीपी के आश्वासन पर ग्रामीणों ने जाम खोल दिया। ग्रामीण छात्रा के शव को लेकर आदलपुर स्थित शव दाह घाट ले गए। जहां उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस दौरान करीब 3 घंटे तक हंगामा चलता रहा। अब अलका के पिता की बात पिता ने कहा- बेटी एग्जाम देने घर से निकली थी, फिर नहीं लौटी
पुलिस ने मिर्जामुराद में रहने वाली अलका बिंद के पिता चंद्रशेखर बिंद के बयान रिकॉर्ड किए। उन्होंने बताया, अलका ने कहा था कि उसका पेपर है, वह खोचवा के PG कॉलेज गई थी। जब 12 बजे के बाद भी वह नहीं लौटी, तब उसका मोबाइल मिलाया गया। नंबर बंद जा रहा था। हम लोग PG कॉलेज पहुंचे, पता चला कि कोई एग्जाम है ही नहीं। फिर हम थाने पहुंचे, इसी दौरान ढाबे से लाश मिलने की खबर आ गई। वहां जाकर पता चला कि हमारी बेटी के साथ तो अनहोनी हो गई है। उन्होंने बताया कि मेरी एक ही बेटी थी। उसके अलावा परिवार में दो बेटे भी हैं। ………….. ये भी पढ़ें :
वाराणसी में छात्रा की हत्या करने वाले का एनकाउंटर:पुलिस ने पैर में गोली मारकर पकड़ा, परिजन बोले- ढाबे पर बुलडोजर चले वाराणसी-प्रयागराज हाईवे पर बुधवार की रात MSc की छात्रा की गला रेतकर हत्या कर दी गई। उसका शव एक ढाबे पर खून से लथपथ कंबल में मिला। छात्रा सुबह घर से कॉलेज गई थी, जिसके बाद उसका शव मिला था। पढ़िए पूरी खबर…

वाराणसी में MSc छात्रा को उसके बॉयफ्रेंड ने मार डाला:बोला- शादी का दबाव बनाकर पैसे मांगती थी, कब तक देता? ढाबे पर गला रेत दिया
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