हरियाणा सरकार ने अचानक 6.36 लाख परिवारों को BPL (गरीबी रेखा से नीचे) श्रेणी से बाहर कर दिया है। 4 महीने में जहां प्रदेश में BPL श्रेणी का आंकड़ा 52 लाख था, वह अब करीब 46 लाख रह गया है। सरकार ने तर्क दिया है कि इन परिवारों की सालाना आय 1.80 लाख से ज्यादा हो गई है और इनके पास महंगी गाड़ियां भी हैं। उधर, सरकार के इस आंकड़े पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। कुछ केस ऐसे सामने आए हैं, जिनमें आय में बिना किसी सर्वे के बढ़ोतरी कर दी गई। इसके अलावा कई परिवारों के पास दोपहिया वाहन तक नहीं, लेकिन गड़बड़ी के चलते उनके नाम फैमिली आईडी में बड़ी गाड़ियां चढ़ा दी गई। बताया कि जब वे राशन लेने पहुंचे तो उन्हें कार्ड रद्द होने की जानकारी मिली। पता चला कि उनके नाम कोई बड़ा वाहन रजिस्टर्ड हुआ है। मगर, उन्होंने तो कोई वाहन नहीं खरीदा। फिर यह कैसे हो गया, इसकी जांच होनी चाहिए। सरकार की ओर जारी किए गए डेटा की सच्चाई परखने के लिए दैनिक भास्कर ने पात्र परिवारों की सूची से बाहर हुए लोगों से हकीकत जानी। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले जानिए सरकार ने जारी डेटा में क्या दिखाया… 30 जून को हुआ जारी, 6.36 लाख के नाम काटे
खाद्य आपूर्ति निदेशालय ने 30 जून तक का यह डेटा जारी किया है। इस डेटा के अनुसार अब प्रदेश के 46 लाख 14 हजार 604 परिवार ही बीपीएल श्रेणी में रह गए हैं। 2 माह पहले प्रदेश में यह आंकड़ा 52 लाख 50 हजार 740 था। अब जो डेटा जारी किया गया है, उसमें 6 लाख 36 हजार 136 परिवारों को बीपीएल श्रेणी से बाहर कर दिया गया है। यानी अब इन परिवारों को अगस्त महीने से सरकारी योजना के तहत मिलने वाला मुफ्त राशन नहीं दिया जाएगा। फरीदाबाद में सबसे ज्यादा राशन कार्ड हुए रद्द
आंकड़ों में सबसे अधिक कार्ड फरीदाबाद में रद्द किए गए हैं, जहां 20,266 कार्ड हटाए गए. इसके बाद पानीपत में 15,502 और करनाल में 15,059 राशन कार्ड रद्द किए गए हैं। इसके बाद अंबाला में 14,501, गुरुग्राम में 14,301, सोनीपत में 12,498, यमुनानगर में 10,964 और कुरुक्षेत्र में 10,278 कार्ड काटे गए है। इसके अलावा रोहतक में 9,210, कैथल में 8,783, हिसार में 8,656, सिरसा में 7,896, झज्जर में 7,715, फतेहाबाद में 6,172, जींद में 5,593, भिवानी में 5,298, रेवाड़ी में 4,412, पलवल में 4,384, पंचकूला में 2,785, महेंद्रगढ़ में 2,768, नूंह में 2,604 चरखी दादरी में 1,568 राशन कार्ड रद्द किए गए है। अब जानिए सरकार के आंकड़ों पर कैसे उठ रहे सवाल… रेहड़ी वाले के नाम 3 गाड़ियां
सिरसा में एक रेहड़ी वाले के नाम पर 3 गाड़ियां दर्ज कर दी गई हैं। वार्ड नंबर 19 निवासी मनोज कुमार सब्जी की रेहड़ी लगाकर अपना परिवार चला रहे हैं। जब वह इस महीने राशन लेने गए तो पता चला कि उनका कार्ड कट गया है। सीएससी सेंटर पर जाकर जांच कराई तो पता चला कि तीन गाड़ियों के कारण कार्ड निरस्त किया गया है, जबकि ये गाड़ियां पड़ोसियों की हैं। वह किराए के मकान में रहते हैं और उनके पास सिर्फ एक साइकिल है। पीपीपी में उनकी वार्षिक आय 1 लाख रुपए दर्ज है, लेकिन महंगी गाड़ियां उनके नाम पर दिखा दी गईं। बेटे के नाम गाड़ी खरीदी दिखाई गई
कैथल निवासी धर्म सिंह ने बताया कि वे पिछले महीने राशन लेने के लिए डिपो पर गए थे। वहां अंगूठा स्कैन करने पर राशन कार्ड कटा मिला। उनके पास एक पुरानी मोटरसाइकिल है, लेकिन परिवार पहचान पत्र में उसके बेटे के नाम गाड़ी खरीदी दिखाई गई है। इस कारण उनका राशन कार्ड कट गया। अब परिवार उसे ठीक करवाने के लिए चक्कर काट रहा है। साइकिल तक नहीं, फैमिली आईडी में दिखाई गाड़ी
झज्जर जिले के गांव सुरखपुर निवासी सुमन ने बताया कि उसको पिछले महीने राशन नहीं मिला। उसका बीपीएल कार्ड बना था। डिपो धारक ने राशन देने से मना करते हुए कहा कि आपका राशन कार्ड कट चुका है। जब महिला पता करने के लिए सीएससी केंद्र गई तो जानकारी मिली कि उनकी फैमिली आईडी में उनके नाम गाड़ी चढ़ाई गई है, जबकि उनके पास तो साइकिल तक नहीं है। मोटरसाइकिल पुरानी, नाम दिखाई गाड़ी
झज्जर जिले के अकेहड़ी मदनपुर निवासी परमजीत ने अपने राशन कार्ड कटने पर विरोध जताते हुए वीडियो बनाया। परमजीत ने बताया कि उनके परिवार में सदस्यों की संख्या 8 है। वह डिपो पर राशन लेने गया तो कार्ड कटा मिला। सीएससी पर जाकर पता किया तो उसके नाम पीपीपी में कार दिखाई गई। उसके पास केवल एक पुरानी मोटरसाइकिल है। महिलाओं के नाम पर भी चढ़ा दिए वाहन
झज्जर जिले के गांव सुरखपुर निवासी कांता ने बताया कि उसका भी बीपीएल कार्ड पिछले महीने ही काट दिया गया। डिपो पर राशन लेने गए तभी पता चला कि उसके नाम पर वाहन रजिस्टर्ड होने से कार्ड रद्द किया गया है। वह CSC सेंटर पहुंची और फैमिली ID चेक कराई तो उनके नाम पर कार रजिस्टर्ड मिली, जबकि उनके घर कोई भी व्हीकल नहीं है। इनके अलावा झज्जर जिले के गांव सुरखपुर निवासी सत्यवती का भी बीपीएल कार्ड पिछले महीने काट दिया गया। इसकी फैमिली ID में कार दिखाई गई है जबकि इनके पास भी कोई व्हीकल नहीं है। इस आंकड़ों पर भी गौर फरमाइए…. लोकसभा से विधानसभा चुनाव के बीच ही 4.84 लाख कार्ड बढ़े
आंकड़े बताते हैं कि हरियाणा में लोकसभा चुनाव की दस्तक से एक साल पहले ही अचानक ‘गरीब’ बढ़ने शुरू हो गए थे। मई 2024 में लोकसभा चुनाव हुए। उससे पहले दिसंबर 2023 से चुनाव तक करीब 3 से 4 लाख BPL कार्ड बढ़े। उसके बाद अक्टूबर 2024 में विधानसभा चुनाव हुए। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच करीब 5-6 महीने में ही साढ़े 5 लाख से अधिक बीपीएल कार्ड बने। खासकर जुलाई और अक्टूबर के बीच ही 4.84 लाख नए BPL राशनकार्ड बने इस अवधि में सरकार के निर्देशों पर अफसरों के जनता दरबार लगे। इन दरबारों में सबसे ज्यादा मामले ही आय घटाकर BPL के राशन कार्ड बनवाने से जुड़े थे। दो साल पहले पकड़ा गया था आईडी में फेरबदल करने वाला रैकेट
हिसार में दो साल पहले परिवार पहचान पत्र से छेड़छाड़ कर बदलाव करने वाले सीएससी सेंटर संचालकों के रैकेट का पर्दाफाश हुआ था। यह गिरोह आईडी में फेरबदल के बदले में 2 हजार से 3 हजार रुपए लेते थे। मामला संज्ञान में आया तो तत्कालीन अतिरिक्त उपायुक्त नीरज कुमार ने पूरे मामले की जांच की थी। प्रकरण में एडीसी की शिकायत के आधार पर पुलिस ने दो सीएचसी संचालकों सहित 7 के खिलाफ आईटी एक्ट सहित 10 अलग-अलग धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। इन्फोग्राफिक्स में जानिए BPL कार्ड की पूरी डिटेल… —————— राशन कार्ड से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… हरियाणा में फैमिली ID के चक्कर में फंसा मजदूर:कमाई ₹1.20 अरब दिखाई, अधिकारियों ने घटाकर ₹10 लाख की; इनकम सिर्फ ₹80 हजार हरियाणा में फैमिली ID के खेल में महेंद्रगढ़ का एक मजदूर फंस गया। जिसमें CSC ने मजदूर की सालाना कमाई 1.20 अरब भर दी। इसके बाद सरकारी अधिकारियों ने बाकायदा डबल वैरिफिकेशन के बाद उसकी इनकम 10 लाख सालाना कर दी। उन्होंने मजदूर का पेशा तक नहीं देखा। (पूरी खबर पढ़ें) फर्जीवाड़ा:फैमिली आईडी में बदलते थे व्यवसाय, पता और बैंक अकाउंट जैसी जानकारियां, 2 सीएससी संचालकों सहित 7 पर केस दर्ज परिवार पहचान पत्र से छेड़छाड़ कर बदलाव करने वाले सीएससी सेंटर संचालकों के रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। आईडी में फेरबदल के बदले में 2 हजार से 3 हजार रुपए लेते थे। मामला संज्ञान में आया तो अतिरिक्त उपायुक्त नीरज कुमार ने पूरे मामले की जांच की थी। इस दौरान कई आईडी खंगाली तो जांच गिरोह का पर्दाफाश हो गया। (पूरी खबर पढ़ें)

हरियाणा में 6.36 लाख परिवार BPL कैटेगरी से बाहर:इनमें कई ऐसे, जिनके पास साइकिल तक नहीं लेकिन फैमिली ID में कारें दिखाईं
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