हिसार की यूट्यूबर ज्योति सरकार के इनविटेशन पर केरल गई:RTI में खुलासा, मंत्री बोले- अच्छी नीयत से बुलाई थी; कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेजा 

पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार हुई हरियाणा के हिसार की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को लेकर नया खुलासा हुआ है। सूचना का अधिकार (RTI) के तहत दायर की गई एक याचिका के जवाब में सामने आया है कि ज्योति राज्य सरकार के निमंत्रण पर केरल गई थी। केरल सरकार में टूरिज्म मिनिस्टर पीए मोहम्मद रियाज ने भी कंफर्म किया है कि ज्योति समेत कई व्लॉगर्स को केरल बुलाया गया था, ताकि वे केरल के टूरिज्म को देश और दुनिया में फैला सकें। इनका खर्चा सरकार ने उठाया था। मिनिस्टर ने कहा है- हमने यूट्यूबर्स को अच्छी नीयत के साथ केरल में इनवाइट किया था। इस बारे में सभी जानते हैं। पहले भी ऐसा होता आया है। आपको क्या लगता है कि राज्य सरकार ज्योति को जासूसी के लिए इनवाइट किया और उसे संबंधित सारी मदद दी गई? इधर, जासूसी मामले में ज्योति की सोमवार (7 जुलाई) को छठी बार कोर्ट में पेशी हुई। इसके बाद ज्योति को फिर से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना की तरफ से चलाए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ज्योति को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। भाजपा ने केरल सरकार को घेरा
ज्योति पर नए खुलासे को लेकर भाजपा ने केरल सरकार को घेरा है। पार्टी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “आरटीआई से पता चलता है कि पाकिस्तानी जासूस ज्योति मल्होत्रा ​​वामपंथी सरकार के निमंत्रण पर केरल आई थी और एक तरह से पर्यटन विभाग की सौजन्य से राज्य की अतिथि थी। पाक जासूसों का वामपंथियों ने रेड कारपेट बिछाकर स्वागत किया।” पूनावाला ने कहा कि पर्यटन मंत्री मोहम्मद रियास केरल के सीएम विजयन के दामाद हैं। उन्हें बर्खास्त करना चाहिए और उनके खिलाफ जांच की जानी चाहिए। महंगी हाउसबोट में रुकी थी ज्योति
जानकारी के मुताबिक, केरल में ज्योति मल्होत्रा ​​ने कोच्चि, कन्नूर, कोझीकोड, अलपुझा, मुन्नार और तिरुवनंतपुरम का दौरा किया था। इस दौरान उसने वीडियो बनाए और 31 जनवरी 2025 को यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए। इस दौरान ज्योति केरल के जांदरी रिवरस्केप्स हाउसबोट में ठहरी थी, जिसमें एक रात रुकने का किराया करीब 15 हजार रुपए प्रतिदिन है। हालांकि, यह खर्चा सरकार ने वहन किया था। पिछली पेशी में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में गई थी ज्योति
ज्योति की पिछली पेशी 23 जून को हुई थी। उसमें भी ज्योति वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुई थी। उसके बाद उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। आज उसकी हिरासत पूरी हो गई है। इसी बीच ज्योति के वकील कुमार मुकेश का कहना है कि ज्योति की गिरफ्तारी के 52 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। पुलिस को ज्योति के खातों, मोबाइल और लैपटॉप के डाटा से कुछ नहीं मिला है। पुलिस केवल इस मामले में लकीर पीट रही है। वहीं, ज्योति की जांच अधिकारी निर्मला का कहना है कि अभी ज्योति केस की जांच की जा रही है और वह इस बारे में जांच पूरी होने तक कुछ नहीं बता सकते। बता दें कि ज्योति मल्होत्रा को 16 मई को पूछताछ के बाद उसके घर से पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने ज्योति से अलग-अलग पूछताछ की थी। ज्योति से पाकिस्तान के लिए जासूसी और पहलगाम मामले में टेरर कनेक्शन की भी जांच की गई। हालांकि, जांच में क्या निकला यह पुलिस की चार्जशीट में स्पष्ट होगा। पुलिस ज्योति का 9 दिन का रिमांड ले चुकी है। ज्योति के वकील कोर्ट में इन 5 बिंदुओं को रख चुके… 1. जब ज्योति पाकिस्तान गई तब BNS लागू नहीं थी: ज्योति मल्होत्रा साल 2023 में पाकिस्तान हाई कमीशन गई थी और उस समय भारतीय न्याय संहिता (BNS) लागू नहीं थी जबकि देश में भारतीय दंड संहिता लागू थी। इस FIR में BNS की धारा 152 लगाई गई है जो भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए थी और उस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई थी। ऐसे में राजद्रोह व देशद्रोह का केस ज्योति मल्होत्रा पर नहीं बनता। 2. FIR में लगाई गई कोई धारा इस मामले में बनती ही नहीं: पुलिस ने FIR में ऑफिशियल सिक्रेट एक्ट की धारा 3 व 5 भी लगाई है और दूसरी तरफ हिसार SP ने मीडिया को जारी प्रेस नोट में स्पष्ट किया था कि ज्योति मल्होत्रा के पास किसी भी प्रकार की सैन्य, रणनीति व संवेदनशील जानकारी होने के तथ्य नहीं मिले हैं। ऐसे में FIR में लगाई गई सभी धाराएं इस मामले में बनती नहीं हैं। 3. सह आरोपी को छोड़ा तो ज्योति को क्यों नहीं: इस मामले में सह आरोपी हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के हरकीरत सिंह को पुलिस ने जांच में शामिल कर दो मोबाइल बरामद करके छोड़ दिया, ऐसे में ज्योति मल्होत्रा को इतनी कस्टडी में रखने का भी कोई तुक नहीं है। 4. केस में ज्योति को ही गवाह बना दिया: मौजूदा FIR ज्योति मल्होत्रा से 15 मई 2025 को की गई पूछताछ के आधार पर दर्ज की गई है। इसमें पूरी कहानी ज्योति के हवाले से लिखी गई है कि उसने जासूसी की है जो असंभव है और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 20 के खिलाफ है जिसके तहत पुलिस किसी भी व्यक्ति को उसके खिलाफ गवाह नहीं बना सकती। 5. पुलिस कोई पुख्ता सबूत पेश नहीं कर पाई: कोर्ट फाइल में अब तक जो कागजात हैं उनमें पुलिस ने ऐसे कोई पुख्ता सबूत पेश नहीं किए हैं, जो ज्योति मल्होत्रा पर लगे आरोपों को प्रथम दृष्टया साबित कर पाए। इस तरह ज्योति तक पहुंची थी केंद्रीय एजेंसियां… 

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