’मेरी बेटी क्यों किसी से पैसा मांगेगी? घर का पैसा–कौड़ी वहीं रखती थी, वो पूरे घर की मालकिन थी। कातिल झूठ बोल रहा है कि वो पैसे मांगती थी, इसलिए मार डाला।’ यह दर्द है वाराणसी के चंद्रशेखर बिंद का…। उनकी बेटी अलका की 2 जुलाई को हत्या कर दी गई। लाश हाईवे पर एक होटल विधान ढाबा के कमरे में कंबल में लिपटी हुई मिली थी। पिता ने कहा- मेरी बेटी को अभी इंसाफ नहीं मिला है, कातिल के पैर में गोली क्यों मारी? उसे एनकाउंटर में ढेर करना चाहिए था। लाश मिलने के 27 घंटे के अंदर पुलिस ने अल्का के बॉयफ्रेंड और आरोपी साहब बिंद को अरेस्ट किया। आरोप है कि साहब ने दरोगा की पिस्टल छीनकर भागने का प्रयास किया, पुलिस ने दौड़ाकर उसकी दाहिने पैर में गोली मारी। पुलिस कस्टडी में साहब ने कहा- 1 साल के रिलेशन में अलका शादी का दबाव बना रही थी। मैंने थोड़ा वेट करने को कहा तो पैसों की डिमांड करने लगी। मैं कब तक देता, इसलिए मार डाला। साहब के बयानों की हकीकत सिर्फ अलका बता सकती थी, मगर उसकी हत्या हो चुकी है। इसलिए दैनिक भास्कर टीम वाराणसी से 29 Km दूर मिर्जामुराद इलाके के मेहंदीगंज गांव में पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… गांव में कत्ल की चर्चा : लोग बोले- उन्हें पैसों की कमी नहीं
राजातालाब रिंग रोड से महज एक किमी दूर मेहंदीगंज पहुंचने पर हमें अलका का घर आसानी से मिल गया। कत्ल की चर्चा पूरे गांव में हैं, लोग बॉयफ्रेंड साहब बिंद की अरेस्टिंग से खुश जरूर हैं, मगर अलका को लेकर दिए गए बयानों पर गुस्से में दिखे। लोगों ने बताया, चंद्रशेखर गांव के संपन्न किसान हैं, उनके परिवार में 3 बच्चे हैं, अलका इकलौती बेटी थी। अब परिवार में अनीश और अंजनी, दो बेटे हैं। उन्हें रुपए-पैसे की कोई कमी नहीं है। लोगों की बात समझते हुए हम अलका के घर तक पहुंच गए। घर के सामने की सड़क, जहां और पट्टीदार रहते हैं। वहां पेड़ की छांव के नीचे कुर्सियां लगी हुईं थीं। जिस पर हम भी जाकर बैठ गए। यहां पिता चंद्रशेखर और अलका का भाई भी मौजूद थे। वह अंतिम संस्कार की क्रियाओं को लेकर ही चर्चा कर रहे थे। पिता बोले- IAS अधिकारी बनना चाहती थी, समझ से परे है ऐसा कैसे हुआ
हमने पिता चंद्रशेखर बिंद से बातचीत शुरू की। पहले तो उन्होंने मना किया, फिर नम आंखों से कहा- मेरी बेटी चली गई, वो अभी और पढ़ना चाहती थी। UPSC की तैयारी कर रही थी। प्री एग्जाम में दो नंबर से फेल होने पर दोबारा तैयारी कर रही थी। IAS बनने का ख्वाब देख रही थी। साथ ही, MSc भी कर रही थी। वो बहुत समझदार थी, ऐसा कैसे हो गया, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है। हमने पूछा- जिस साहब को अलका का बॉयफ्रेंड बताया जा रहा है, वो ब्लैकमेल करके पैसे मांगने का आरोप लगा रहा है? वह थोड़ा गुस्से में बोले- मेरी लड़की किसी से क्यों पैसा मांगेगी। जिसके पास पैसा है ही नहीं…वो कैसे दे पाएगा। यह सरासर गलत बात है। मेरी बेटी को पैसे की कोई कमी नहीं थी। हमारे घर का पैसा-कौड़ी उसी के पास रहता था। वही हमारे घर की मालकिन थी। पुलिस की जांच ठीक नहीं है, एक बार और पूछताछ करनी चाहिए। भाई ने कहा- पुलिस ने आरोपी पर दबाव बनाया होगा
अलका के भाई अंजनी ने पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया। कहा- मुझे लगता है कि आरोपी लड़के पर पुलिस ने प्रेशर डाला है, इसलिए वो झूठ बोल रहा है। ये होटल वाले भी लड़के साथ मिले हुए हैं। एक भिखारी जैसे आदमी से दीदी क्यों रुपयों की डिमांड करेगी। वो बहुत समझदार थी, घर के बड़े फैसलों में शामिल रहती थी। अब जानिए साहब और अलका की मुलाकात कैसे हुई भाई ने कहा- हमारे घर की एक बेटी साहब के मोहल्ले में ब्याही
अलका के भाई अंजनी ने बताया – साहब बिंद मिर्जापुर के मझवां ब्लॉक के बरैनी गांव का रहने वाला है। इसी गांव में मेरे बड़े पिता जी की बेटी की शादी एक साल पहले हुई थी। वहां से बारात आई थी। उसी दिन दीदी की साहब से मुलाकात हुई थी। वह लड़का दीदी के ससुराल के मोहल्ले का है। उससे हमारी कोई रिश्तेदारी नहीं है। उसके बारे में हमने जीजा से पता कराया था। हमने पिता चंद्रशेखर से पूछा- क्या अफेयर को लेकर कोई जानकारी थी? उन्होंने इनकार कर दिया। बताया- एक साल से अफेयर चल रहा था, ऐसा पुलिस बता रही है। हमें भनक तक नहीं लगी। हमें तो उस दिन पता चला, जिस दिन बेटी की हत्या हो गई। कभी उसने ये नहीं बताया कि वो परेशान है। न ही घर में मां से कुछ बता पाई थी। अब पिता और भाई, जब ढाबा पहुंचे तो क्या देखा… सुबह कॉलेज जाने की बात कहकर निकली थी अलका
चंद्रशेखर ने बताया- बेटी अलका 2 जुलाई को कालेज जाने की बात कहकर निकली थी। दोपहर 2 बजे तक उसका कॉलेज चलता है। रोजाना वो कॉलेज से निकलती थी, तो मुझे फोन करके बताती थी। उस दिन उसने कोई फोन नहीं किया। इस पर हमने उसे फोन लगाया तो फोन स्विच ऑफ मिला। मैं और उसका छोटा भाई अंजनी बसमत्ती देवी संकठा प्रसाद डिग्री कालेज पहुंचे। वहां भी जब बिटिया नहीं मिली तो सीसीटीवी फुटेज को दिखने को कहा तो प्रबंधन ने मना कर दिया। चंद्रशेखर ने बताया- इसके बाद क्षेत्र को लोगों को लेकर पहुंचा तो कॉलेज के मैनेजर ने भी आने में आना-कानी की। हम लोग शाम 6 बजे के आस-पास रिपोर्ट लिखवाने के लिए थाने पहुंचे, तो वहां पता चला की एक शव विधान ढाबे पर मिला है। फिर हम और अंजनी वहां पहुंचे तो चप्पल, बैग और मोबाइल कवर देखकर यह यकीन हो गया की यह मेरी बेटी का है, बाद में पता चला की लाश कम्बल में लिपटी हुई है। अब वो बयान पढ़िए, जो साहब ने पुलिस को दिया साहब ने कहा- एक साल पहले एक फंक्शन में अलका से मिला
पुलिस कस्टडी में साहब बिंद ने कहा- मैं गुजरात के सूरत में कपड़ा फैक्ट्री में काम करता हूं, वहां मशीन यूनिट संभालता था। अलका से मेरी मुलाकात 2024 में एक शादी समारोह में हुई थी। मेहंदीगंज के उस फंक्शन में पहली बार बात हुई, उसने मुझे मोबाइल नंबर दिया। फिर हमारी बात होने लगी। पुलिस ने पूछा- होटल विधान बसेरा में क्या मिलने जाते थे? साहब ने कहा- अलका कहती थी कि यहां उसे ज्यादातर लोग जानते हैं, इसलिए हम बंद कमरे में ही मिलते थे। 2 जुलाई से पहले नवरात्रि और होली पर होटल में मिले थे। मैं मिलने के बाद वापस गुजरात चला जाता था। पुलिस ने पूछा- जब तुम अलका को प्यार करते थे, तो मारा क्यों? साहब ने कहा- वो मुझसे शादी करना चाहती थी, अभी मेरी छोटी सी नौकरी है, वो बहुत दबाव बना रही थी। फोन पर भी झगड़ती थी। मैं क्या करता? वो पैसे भी मांगने लगी थी। पहले मैंने दिया, मगर फिर सोचा कि ऐसा कब तक चलेगा, इसलिए उसको मार डाला। अलका की लाश जिस ढाबे में मिली, इससे 300 मीटर की दूरी पर डिग्री कॉलेज में वो पढ़ती थी। साहब ने कहा- मैंने सिर्फ चाकू उसकी गर्दन पर रखा, फिर खून बहने लगा
आरोपी ने बताया, 30 जून को हमारी फोन पर बात हुई। मैंने ही तय किया कि 2 जुलाई को गुजरात से मैं वाराणसी आ जाऊंगा। सुबह 9 बजे मैं होटल पहुंचा। रूम बुक किया और अलका का इंतजार करने लगा। वो 20 मिनट के बाद आ गई। मैंने एक चाकू पहले ही रसोई से उठा लिया था। मैंने पहले उसको समझाने का प्रयास किया। मगर वो अड़ी हुई थी कि शादी करो, नहीं तो पैसे दो। हमारे बीच झगड़ा शुरू हुआ। फिर गुस्से में मैंने उसके गले पर चाकू रख दिया। मैं समझ ही नहीं पाया कि वो कैसे गर्दन पर चलता चला गया, फिर खून ही खून फैल गया। साहब ने कहा- मेरी आंखों के आगे अंधेरा छा गया। कुछ समझ नहीं आया। मैं वहीं बैठ गया। जब होश संभला, तो अलका की लाश को मैंने एक कंबल में लपेट दिया। क्योंकि खून बहुत बह रहा था। इसके बाद मैंने सोचा कि अगर उसका पहचान पत्र और मोबाइल होटल स्टाफ को नहीं मिलेगा, तो कुछ दिन किसी को पता ही नहीं चलेगा कि ये लड़की कौन है? इसलिए मैं एडमिट कार्ड और मोबाइल लेकर भाग गया। ………………………. यह भी पढ़ें : वाराणसी में MSc छात्रा को उसके बॉयफ्रेंड ने मार डाला:बोला- शादी का दबाव बनाकर पैसे मांगती थी, कब तक देता? ढाबे पर गला रेत दिया वाराणसी में MSc स्टूडेंट अलका बिंद का हत्यारा उसका बॉयफ्रेंड निकला। दोनों के बीच एक साल से अफेयर था। होटल में लगे CCTV की मदद से पुलिस आरोपी तक पहुंची। वारदात के 27 घंटे के अंदर मुठभेड़ के बाद पुलिस ने साहब बिंद को अरेस्ट कर लिया। वह मिर्जामुराद का ही रहने वाला है, जहां की अल्का थी। पुलिस ने आरोपी साहब के पैर पर गोली मारी है। पढ़िए पूरी खबर…

वाराणसी मर्डर केस, पिता बोले- हत्यारा झूठ बोल रहा:बेटी घर की मालकिन थी, वो क्यों पैसा मांगती; आरोपी का एनकाउंटर हो
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