धर्म जानने के लिए होटल कर्मचारियों की पैंट उतरवाई:यूपी में कांवड़ यात्रा से पहले सरकार बोली- नेमप्लेट लगाएं; हिंदू संगठन कर रहे चेकिंग 

​‘एक लड़का हमारे होटल पर टॉयलेट साफ-सफाई करता था। वो उसको अंदर ले गए। धर्म पहचानने के लिए उसकी पैंट उतारी गई। वो पूछ रहे थे कि आप मुसलमान तो नहीं हो? मैं कहती हूं कि हमारा हाथ काटकर देखो। जब खून के रंग में फर्क नहीं तो और बाकी क्या फर्क है।’ यह कहना है होटल कर्मचारी सुमन का। कांवड़ यात्रा को लेकर दिल्ली-देहरादून हाईवे के होटल-ढाबों पर कुछ हिंदू संगठनों ने चेकिंग अभियान चलाया हुआ है। वो इस बात की चेकिंग कर रहे कि हिंदू या कॉमन नाम से खुले होटल-ढाबों के मालिक/कर्मचारी मुसलमान तो नहीं? इन संगठनों ने जिस होटल पर पहुंचकर जांच-पड़ताल की, वहां के 8 कर्मचारी दहशत के चलते नौकरी छोड़कर भाग गए। फिर रोजाना मीडिया का जमावड़ा लगने लगा। विवादों की वजह से संचालक ने होटल ही बंद कर दिया। कांवड़ यात्रा से ठीक पहले एक बार फिर नेम-प्लेट को लेकर शुरू हुए विवाद के बीच दैनिक भास्कर ग्राउंड जीरो पर मेरठ-मुजफ्फरनगर पहुंचा। हाईवे के होटल-ढाबा संचालकों/कर्मचारियों से बात की। अब कैसा माहौल है? ये पूरा अभियान क्या है? हिंदू संगठन क्या कहते हैं? ये सब जाना। पढ़िए ये खास रिपोर्ट… सबसे पहले क्या हुआ, वो पढ़िए धर्म जानने के लिए होटल कर्मचारियों की पैंट उतरवाने का आरोप
मुजफ्फरनगर जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर गांव बघरा है। यहां ‘योग साधना यशवीर आश्रम’ है। इसका संचालन यशवीर महाराज करते हैं। आश्रम की स्थापना से पहले स्वामी यशवीर हरियाणा के कई जिलों में रहे और योग को बढ़ावा दिया। करीब 2 दशक पहले उन्होंने ये आश्रम खोल लिया। 28 जून को स्वामी यशवीर अपनी टीम के साथ दिल्ली-देहरादून हाईवे पर मुजफ्फरनगर जिले में स्थित पंडित जी वैष्णो ढाबा पर पहुंचे। उन्होंने मोबाइल से ढाबे पर लगा QR कोड स्कैन कराया। उस पर नाम Jabir Rathour लिखा हुआ आया। दावा किया गया कि मालिक मुस्लिम है और होटल हिंदू नाम से चलाया जा रहा है। ये भी आरोप है कि यशवीर महाराज के समर्थकों ने कई होटल कर्मचारियों की पैंट उतरवाकर धर्म जानने का प्रयास किया। इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है। पुलिस-प्रशासन ने इस सत्यापन को गैरकानूनी बताते हुए यशवीर महाराज से जुड़े 6 कार्यकर्ताओं सुमित बहरागी, रोहित, विवेक, सुमित, सनी और राकेश को नोटिस जारी करके 3 दिन में नई मंडी थाने पर उपस्थित होने के लिए कहा है। सन्नवर से लीज पर लिया, ढाबा संचालिका हैं दीक्षा शर्मा
हम सबसे पहले इसी पंडित जी वैष्णो ढाबा पर पहुंचे। यहां पूरी तरह सन्नाटा पसरा था। एक भी ग्राहक मौजूद नहीं था। यहां सिर्फ 2 महिला कर्मचारी मौजूद थीं। इनमें एक महिला झाड़ू लगा रही थी और दूसरी महिला टेबल साफ कर रही थी। बोर्ड पर मालिक का नाम दीक्षा शर्मा लिखा है। हमने मोबाइल पर दीक्षा शर्मा से बात की। वो मेरठ के जानी गंगनहर इलाके में रहती हैं। उन्होंने बताया- मैंने सनव्वर नामक व्यक्ति से ये होटल एक साल के लिए लीज पर लिया है। ये लीज 24 जुलाई, 2025 को समाप्त हो रही है। होटल का परमानेंट मालिक मुस्लिम है, लेकिन फिलहाल इसका संचालन मैं ही करती हूं। ये विवाद बेवजह उठाया जा रहा है। इस हाईवे पर तमाम होटल-ढाबे लीज पर ही चलते हैं। ये पूरा इलाका मिश्रित आबादी का है। इसलिए काम करने वाले कर्मचारी भी हिंदू-मुसलमान दोनों होते हैं। ‘नए कर्मचारी आने को तैयार नहीं’
इस ढाबे पर मौजूद महिला कर्मचारी अनीता देवी ने बताया- पहले इस ढाबे पर 10 कर्मचारी काम करते थे। इनमें 2 मुस्लिम और बाकी हिंदू थे। अब इस घटना के बाद सारे कर्मचारी दहशत के मारे भाग गए हैं। हिंदू कर्मचारियों में डर था कि कहीं वो भी न पिट जाएं। अब हम 2 महिलाएं ही होटल चला रही हैं। नए कर्मचारी नहीं मिल रहे। आते हैं और एकाध दिन काम करके चले जाते हैं। हम साफ कहना चाहते हैं कि अब मुस्लिम कर्मचारियों को नहीं रखना चाहते। हम नहीं चाहते कि बेवजह कोई विवाद खड़ा हो। इस होटल की मालिक दीक्षा शर्मा हैं। ‘अगर हम मजदूरी नहीं करेंगे तो परिवार कैसे चलाएंगे’
इसी ढाबे पर झाड़ू-पोंछा करने वाली दूसरी महिला कर्मचारी सुमन कहती हैं- 30 जून को यहां कुछ लोगों ने बहुत ज्यादा हंगामा किया। इस होटल पर एक लड़का रहता है, जो टॉयलेट साफ करता था। साथ ही कस्टमर को झंडी दिखाकर बुलाता था। उसके साथ बहुत बुरा किया। वो उसको अंदर ले गए। बाद में उस कर्मचारी ने हमें बताया कि अंदर उन लोगों ने मेरी पैंट उतारी थी। हंगामा करने वाले लोग पूछ रहे थे कि आप मुसलमान तो नहीं हो? मैं पूछना चाहती हूं कि हिंदू-मुसलमान में क्या फर्क है। हाथ काटकर देखो, खून का रंग एक है। तो सब अलग-अलग कैसे हैं? अगर हम मजदूरी नहीं करेंगे तो परिवार कैसे चलाएंगे? अब डर के मारे ढाबे के सारे कारीगर भाग गए हैं। हमें खुद से ज्यादा तरस होटल मालकिन पर आ रहा है। वो हमें तो मजदूरी के पैसे दे देंगी, लेकिन ऐसे हालात में कोई बचत नहीं हो रही। ढाबा कर्मचारी गोपाल निकला तजमुल
पंडित जी वैष्णो ढाबा के एक कर्मचारी गोपाल का वीडियो पिछले दिनों सोशल मीडिया में सामने आया था। इसमें वो कह रहा था कि कुछ लोग आए और धर्म जानने के लिए पैंट उतारने का प्रयास किया। 28 जून से शुरू हुए इस विवाद में अब नया मोड़ आ गया है। गांव बझेड़ी निवासी कथित गोपाल ने मीडिया के सामने आकर बताया है कि उसका असली नाम तजमुल है। ढाबा संचालक के कहने पर ही उसने अपना नाम उस वक्त गलत बताया था। गोपाल ने मीडियाकर्मियों को अपना आधार कार्ड भी दिखाया, जिसमें उसका नाम तजमुल लिखा है। यशवीर महाराज बोले- खाने में मिलाते हैं थूक-मूत्र, कांवड़ियों का धर्म भ्रष्ट नहीं होने देंगे
इस अभियान की जरूरत क्यों पड़ी? इसे लेकर हमने स्वामी यशवीर महाराज से बात की। वो कहते हैं- उत्तराखंड से शुरू हुई कांवड़ यात्रा पश्चिमी उत्तर प्रदेश होते हुए कई राज्यों को जाती है। करोड़ों शिवभक्त पवित्र गंगाजल लेकर आते हैं। रास्ते में जब उनको भूख लगती है, तब वो खाने के लिए दुकानों पर जाते हैं। इनमें कई दुकानों पर हिंदू देवी-देवताओं के नाम लिखे हैं, लेकिन उसके संचालक मुसलमान होते हैं। स्वामी यशवीर महाराज का कहना है कि ये लोग हिंदुओं के खाने में थूकने, पेशाब करने, गोमांस मिलाने का काम करते हैं। या ऐसी औषद्यि मिला देते हैं, जिससे हिंदू पुरुष नपुंसक और महिलाएं बांझ हो जाएं। इस तरह की घटनाएं आए दिन सामने आ रही हैं। इसलिए हमने अपने सनातन धर्म, संस्कृति को बचाने का विचार किया। यशवीर महाराज कहते हैं- हिंदू देवी-देवताओं के नाम या चित्र का इस्तेमाल हिंदुओं के अलावा कोई और धर्म का व्यक्ति नहीं कर सकता। ये अभियान चलता रहेगा। हम कांवड़ियों का धर्म भ्रष्ट नहीं होने देंगे। अगर कहीं कोई गलत सूचना मिलेगी, तो उस बारे में पुलिस-प्रशासन को सूचित करेंगे। हम संविधान को मानने वाले हैं। कई हिंदू संगठन इस अभियान से जुड़े
होटल-ढाबों पर हिंदू-मुस्लिम कर्मचारियों की खोज करने का अभियान सबसे पहले मुजफ्फरनगर के यशवीर महाराज ने शुरू किया। इसके बाद मेरठ में ऐसा ही अभियान अखिल भारतीय हिंदू सुरक्षा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन सिरोही ने 30 जून को चलाया। 3 जुलाई को शिवसेना ने मुजफ्फरनगर में होटल-ढाबों पर चेकिंग की। सचिन सिरोही ने कहा- यदि कांवड़ यात्रा के दौरान किसी भी होटल-ढाबे पर कांवड़ियों का धर्म भ्रष्ट हुआ तो उसका जिम्मेदार होटल-ढाबा मालिक या फिर वहां का पुलिस-प्रशासन होगा। यूपी के मुख्यमंत्री से हमारी मांग है कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर जिन विधर्मियों ने होटल खोल रखे हैं, उन्हें सावन महीने के लिए बंद ही करा दिया जाए। इंस्पेक्टर बोले- हिंदू संगठनों को कोई आपत्ति है तो बताएं, हम एक्शन लेंगे
अनधिकृत तरीके से होटल-ढाबों की चेकिंग और इस पूरे विवाद में पुलिस ने अब तक क्या कार्रवाई की है? यह जानने के लिए हमने मुजफ्फरनगर के थाना नई मंडी इंस्पेक्टर दिनेश कुमार से बात की। उन्होंने बताया- पंडित वैष्णो ढाबा के मैनेजर धर्मेंद्र भारद्वाज ने मालिक सनव्वर सहित कई अन्य के खिलाफ मारपीट का केस दर्ज कराया है। जबकि पुलिस ने अपनी तरफ से उन 6 लोगों को नोटिस भेजे हैं, जिन्होंने होटल-ढाबों की चेकिंग की। हमें उनके जवाब का इंतजार है। अगर जवाब नहीं आता है, तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी नेम-प्लेट पर अंतरिम रोक
होटल-ढाबा संचालकों और कर्मचारियों के नाम को लेकर पिछले साल भी विवाद हुआ था। पिछले साल यूपी सरकार ने आदेश जारी कर दिया था कि खाद्य पदार्थ सामग्री से जुड़े दुकानदार अपनी दुकानों-रेहड़ियों पर नाम की प्लेट जरूर लगाएं। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई, 2024 को इस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। अब 2025 की कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले यूपी सरकार ने एक बार फिर कहा है कि कांवड़ यात्रा मार्गों पर दुकानदार अपने नाम, पते और मोबाइल नंबर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करेंगे। इस आदेश पर भी सियासत शुरू हो गई है। 11 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा
2025 की कांवड़ यात्रा की शुरुआत 11 जुलाई से होने जा रही है। इस बार 5 करोड़ से ज्यादा कांवड़ियों के हरिद्वार से गंगाजल/कांवड़ उठाने का अनुमान है। ये कांवड़ यात्रा हरिद्वार से शुरू होकर मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, दिल्ली होते हुए दूसरे राज्यों को निकल जाती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश इस कांवड़ यात्रा का प्रमुख केंद्र है। दिल्ली-देहरादून हाईवे पर गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर में हजारों होटल-ढाबे मौजूद हैं। इसमें काफी संख्या में इनके मालिक मुस्लिम भी हैं, जो लीज पर संचालन करवाते हैं। ——————— ये खबर भी पढ़ें… अपना दल में बगावत, अनुप्रिया-आशीष के निशाने पर योगी, 13 विधायकों को बुलाकर दिखाया दम, मोदी की तारीफ की अपना दल (एस) और उसके बागियों का अपना मोर्चा अब खुलकर आमने-सामने आ चुके हैं। संस्थापक डॉ. सोनेलाल पटेल की जन्म जयंती समारोह पर लखनऊ में दोनों ओर से ताकत की जोर-आजमाइश हुई। अपना दल (एस) ने इस मौके पर जहां 13 विधायकों को बुलाकर ताकत दिखाई। वहीं पीएम मोदी की तारीफ कर यूपी भाजपा के एक नेता को निशाने पर लिया। पढ़ें पूरी खबर… 

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