जयपुर से दिल्ली पहुंचने में अब महज 3 घंटे लगेंगे और गाड़ियां 120 किलोमीटर स्पीड से दौड़ेंगी। कहीं कोई जाम नहीं मिलेगा। पूरे सफर के दौरान सड़क पर कोई ब्रेकर या गड्ढा भी नहीं होगा। 2 जुलाई को केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में ये दावा किया। पोस्ट में बताया- ‘परियोजना दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेस-वे और जयपुर के बीच सीधी पहुंच और नियंत्रित कनेक्टिविटी प्रदान करती है। एक्सप्रेस-वे से दिल्ली-जयपुर के बीच यात्रा का समय 3 घंटे 45 मिनट से घटकर सिर्फ 3 घंटे रह जाने की उम्मीद है।’ इसके बाद 2 जुलाई को ही NHAI ने जयपुर से दौसा-बांदीकुई ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे को सुबह 8 बजे ट्रायल बेस पर अगले 10 दिनों तक आम लोगों के लिए खोल दिया। भास्कर ने गुरुवार को एक्सप्रेस-वे को लेकर किए जा रहे दावों का रियलिटी चेक किया। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… भास्कर टीम सुबह 8 बजे जयपुर में इस एक्सप्रेस-वे के स्टार्टिंग पॉइंट बगराना गांव के इंटरचेंज पर पहुंची। यहां एक बड़ा सा साइन बोर्ड लगा था, जिस पर दिल्ली लिखा था। यहीं हमने देखा कि कई लोकल बाइकर्स लगातार रॉन्ग साइड से न सिर्फ इस एक्सप्रेस-वे से आ रहे थे बल्कि बेझिझक स्पीड से एक्सप्रेस-वे पर जा भी रहे थे। हालांकि यहां निर्माण कंपनी के दो प्रतिनिधि भी खड़े थे। हमें फोटो व वीडियो बनाते देख दोनों कंपनी प्रतिनिधियों ने बाइकर्स को एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने और उतरने से रोकना चाहा, लेकिन नहीं रोक पाए। रिपोर्टर ने कंपनी प्रतिनिधि रामहंस से बात की। उन्होंने बताया- नए एक्सप्रेस-वे पर ट्रैक्टर, बाइक्स और ऑटो वगैरह चलाने की अनुमति नहीं है। ऐसे व्हीकल्स को हम यहीं रोक रहे हैं। एक्सप्रेस-वे से लगते रास्तों पर पानी भरने और कहीं-कहीं कटाई आ जाने से लोग इधर से आ-जा रहे हैं। इन्हें हम लगातार रोक रहे हैं। जल्दी ही ये पूरी तरह से प्रतिबंधित हो जाएगा। इसके बाद हम आगे बढे़। यहां हमारे सामने टोल बूथ था। हालांकि अभी ये पूरी तरह से फ्री था। लगातार यहां से गाड़ियां एंट्री के बाद निकल रही थीं। हमने यहीं पर अपना टाइमर जीरो पर सेट किया और जयपुर से दिल्ली का सफर स्टार्ट कर दिया। पहले : आगरा रोड से दौसा होते हुए बांदीकुई तक 85 किमी का सफर है। सफर में डेढ़ घंटे से ज्यादा समय लगता था। अब : इस नए एक्सप्रेस-वे के सफर में हम महज 39 मिनट 43 सेकेंड में ही बागरना इंटरचेंज से 67 किलोमीटर का सफर कर बांदीकुई एक्सप्रेस-वे के अंतिम छोर पर पहुंच गए। कार की स्पीड 100 से 120 किमी प्रति घंटा तक रही। खासियत : एक्सप्रेस-वे की बनावट ऐसी है कि इतनी स्पीड में भी झटके महसूस नहीं होते। हालांकि जहां पर पुल आते हैं, वहां पर छोटे-छोटे जॉइंट हैं। गाड़ी पुल पर चढ़ते समय जरूर हल्के झटकों का अहसास होता है। सफर में कई खामियों से भी सामना
कई बाइकर्स और गाड़ियां रॉन्ग साइड से आती दिखीं। एक्सप्रेस-वे पर कुत्ते और बकरियां भी घूम रही थीं। इसके अलावा जगह-जगह काम भी चल रहा था। दुलागढ़ से कुछ पहले एक्सप्रेस-वे के बीचों-बीच एक मरा हुआ जानवर मिला। उसे किसी व्हीकल ने रौंदा था। दौसा और मनोहरपुर इंटरचेंज रोड पर ट्रैफिक बंद था। एक्सप्रेस-वे की एलसीडी स्क्रीन्स भी कई जगह खराब मिलीं। कुछेक जगहों पर सीसीटीवी कैमरे भी बंद थे। 67 किलोमीटर डिस्टेंस वाले जयपुर-बांदीकुई एक्सप्रेस-वे पर एक भी पेट्रोल पंप या रेस्ट एरिया नहीं मिला। इसके चलते कुछ अनजान ट्रक ड्राइवर परेशान होते और लोगों से पूछताछ करते नजर आए। एक्सप्रेस-वे से लगते खेतों से भी कई जगहों पर हाईवे की तरफ एक्सेस खुली हुई दिखी। फिलहाल रोड पर ज्यादा ट्रैफिक नजर नहीं आया। सफर के दौरान कुछ टाइम के लिए तेज बारिश भी हुई और विजिबिलिटी काफी कम हो गई थी। बावजूद इसके सड़क पर कहीं भी जलभराव जैसी स्थिति नहीं बनी। इसके बाद देर शाम 7 बजे भास्कर टीम दोबारा बगराना इंटरचेंज पॉइंट पर पहुंची। यहां से नॉन स्टॉप दिल्ली का सफर स्टार्ट किया। 7 बजकर 1 मिनट पर हमारा टाइमर और सफर शुरू हो गया। इस दौरान हाईवे पर ट्रैफिक ज्यादा हो गया था। 21 मिनट और 59 सेकेंड बाद हम दौसा और मनोहरपुरा के इंटरचेंज के पास पहुंच गए थे। इस बार हम बांदीकुई एक्सप्रेस-वे के अंतिम छोर पर नई दिल्ली एक्सप्रेस-वे की लिंक रोड तक 38 मिनट 31 सेकेंड में पहुंचे। इसके बाद हम आगे के सफर में 51 मिनट और 24 सेकेंड बाद दिल्ली से 201 किलोमीटर की दूरी पर थे। 2 घंटे 20 मिनट के बाद हमने हरियाणा के सोहना में एक्सप्रेस-वे के एग्जिट पॉइंट को क्रॉस कर लिया। यहां हमारी कार का 130 रुपए टोल कटा। इस एक्सप्रेस-वे पर एग्जिट में ही टोल लगता है। एंट्री पॉइंट पर टोल नहीं लगता है। इसके बाद यहां से ट्रैफिक बढ़ गया था। हमारी एवरेज स्पीड भी 80 किलोमीटर प्रति घंटा रह गई थी। 3 घंटे और 13 मिनट बाद 10 बजकर 14 मिनट पर हम दिल्ली के एंट्री पॉइंट पर पहुंच गए। यहां हमने MCD का एंट्री टोल भी कटवा लिया। हर 500 मीटर की दूरी पर सीसीटीवी
इस पूरे सफर के दौरान हमने इस एक्सप्रेस-वे पर बने रेस्ट एरिया से लेकर सिक्योरिटी, इमरजेंसी, फूड, फैसिलिटी जैसी तमाम चीजों को देखा और परखा। हाईवे पर हर 500 मीटर की दूरी पर सीसीटीवी लगाए गए हैं। इससे आप कहीं भी जाएं कैमरों की नजर में रहेंगे। गाड़ी के आने-जाने का पूरा रिकॉर्ड मौजूद रहेगा। सफर के दौरान हमें पूरे हाईवे पर कहीं भी ब्रेकर नजर नहीं आए। इससे बार-बार गियर बदलने का झंझट नहीं रहा। इससे माइलेज बढ़िया मिलता है। ईंधन की बचत होती है। एक्सप्रेस-वे को काफी ऊंचा बनाया गया है। हाईवे के दोनों ओर बैरिकेडिंग की गई है ताकि आवारा जानवर सड़क पर न आ जाएं। बांदीकुई एक्सप्रेस-वे के बाद से दिल्ली तक हमें कहीं कोई जानवर नजर भी नहीं आया। अब तीसरे पार्ट में हमने अगले दिन 4 जुलाई को दुबारा से दिन के ट्रैफिक में एक्सप्रेस-वे का रिएलिटी चेक करने के लिए नई दिल्ली से जयपुर का सफर शुरू किया। 4 जुलाई को ठीक 12:30 बजे हम एमसीडी एंट्री पॉइंट पर पहुंच गए। 12 बजकर 34 मिनट पर दुबारा से टाइमर स्टार्ट कर अपनी जयपुर तक की जर्नी स्टार्ट कर दी। इस बार हमें यहां से जयपुर में बगराना इंटरचेंज एग्जिट पॉइंट तक पहुंचने में 3 घंटे 19 मिनट लगे। हम ठीक 3 बजकर 53 मिनट पर यहां पहुंच गए। इस बार सफर में हमें कई जगहों पर तेज बारिश और लो विजिबिलिटी के चलते स्पीड कम करनी पड़ी थी। वहीं दिल्ली से सोहना के बीच ट्रैफिक जाम का भी सामना करना पड़ा था। हालांकि पिछली रात के मुकाबले दिन में इस एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक कम रहा। प्रोजेक्ट डायरेक्टर बोले- रेस्ट एरिया और पेट्रोल पंप के लिए तलाश रहे जगह
भास्कर ने NHAI प्रोजेक्ट डायरेक्टर भरत सिंह जोइयां से बात की। वह कहते हैं- फिलहाल ट्रायल स्टार्ट कर दिया गया है। अभी भी कई लोकल लोगों द्वारा एक्सप्रेस-वे के किनारे बाउंड्री वाॅल लगाने और अनवांटेड एक्सेस बंद करने के लिए बैरियर नहीं लगाने दिए जा रहे हैं। इसके लिए हमने दौसा और जयपुर कलेक्टर को पत्र लिखा है। फिलहाल हम इस एक्सप्रेस-वे पर रेस्ट एरिया और पेट्रोल पंप लोकेशंस तलाश रहे हैं। इस दौरान यहां से गुजरने वाले ड्राइवर्स की मदद के लिए NHAI की रैपिड रेस्पॉन्स टीम तैनात की गई है। एलसीडी स्क्रीन्स, लाइट्स और सीसीटीवी कैमरों में भी नेटवर्क और मौसम के चलते दिक्कतें आने पर टेक्निकल टीम तुरंत ठीक करती है। दौसा और मनोहरपुर इंटरचेंज पर बारिश के चलते मिट्टी का कटाव हो गया था। इसे अब ठीक कर दिया गया है। दोनों इंटरचेंज स्टार्ट कर दिए हैं।

3 घंटे में जयपुर से दिल्ली का दावा कितना सच?:एक्सप्रेस-वे पर रिपोर्टर ने 120 की स्पीड से दौड़ाई कार, बाइकर्स और कुत्ते-बकरियां परेशानी
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