बेंगलुरु की एक सिविल कोर्ट ने एक्टर कमल हासन को कन्नड़ भाषा और संस्कृति के खिलाफ कोई भी टिप्पणी करने से रोक दिया है। कन्नड़ साहित्य परिषद ने कोर्ट में एक्टर के खिलाफ याचिका दायर की थी। शुक्रवार को दिए गए आदेश में अदालत ने कहा कि अगली सुनवाई तक कमल हासन कोई भी ऐसा बयान न दें जो कन्नड़ भाषा, साहित्य, संस्कृति या भूमि को आहत करे या बदनाम करे। मामले की अगली सुनवाई 30 अगस्त को होगी। इससे पहले 18 जून को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हासन को माफी मांगने की जरूरत नहीं है। वहीं, मामले में SC ने माफी मांगने का आदेश देने पर कर्नाटक हाईकोर्ट को फटकार भी लगाई थी। SC एक्टर की फिल्म कर्नाटक में रिलीज न करने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रहा था। कमल हासन ने 24 मई को चेन्नई में ‘ठग लाइफ’ के ऑडियो लॉन्च इवेंट के दौरान कन्नड़ को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि कन्नड़ भाषा तमिल से जन्मी है। इसके बाद एक्टर का कर्नाटक में लगातार विरोध हो रहा है। SC ने कहा था- बंदूक तानकर फिल्म देखने से नहीं रोक सकते सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को सुनवाई के दौरान हासन की फिल्म ठग लाइफ की कर्नाटक में रिलीज न होने पर कड़ी नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि किसी को भी लोगों के सिर पर बंदूक तानकर फिल्म देखने से नहीं रोका जा सकता। जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने कर्नाटक सरकार से कहा कि जब किसी फिल्म को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिल चुका है तो उसे देश के हर राज्य में दिखाया जाना चाहिए। कोर्ट ने राज्य सरकार को एक दिन का समय दिया है कि वह फिल्म की रिलीज पर स्थिति साफ करे। दरअसल, कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स (KFCC) ने मांग की थी कि जब तक हासन माफी नहीं मांगते, फिल्म रिलीज नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार से जवाब मांगा और मामला हाईकोर्ट की अपने पास ट्रांसफर कर लिया है। SC बोला- हाईकोर्ट का हासन को माफी मांगने के लिए कहना उचित नहीं कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट की उस टिप्पणी पर भी आपत्ति जताई, जिसमें कमल हासन से माफी की बात कही गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट का हासन को माफी मांगने के लिए कहना उचित नहीं है। फिल्म ठग लाइफ 5 जून को देशभर में रिलीज हुई थी, लेकिन कर्नाटक में इसे रिलीज नहीं होने दिया गया। कमल हासन बोले थे- तमिलों ने भाषा के लिए जान गंवाई, इसके साथ मत खेलो ट्राई लैंग्वेज (तमिल, हिन्दी और अंग्रेजी) विवाद को लेकर 21 फरवरी को अभिनेता कमल हासन ने कहा था- तमिल भाषा उनकी सांस्कृतिक पहचान है। लोगों ने इसके लिए जान गंवाई है। इसके साथ खिलवाड़ न करें। चेन्नई में अपनी पार्टी के आठवें स्थापना दिवस पर हासन ने कहा- भाषा के मुद्दे को हल्के में न लिया जाए। तमिलनाडु के बच्चे भी जानते हैं कि उन्हें कौन सी भाषा चाहिए। उनके पास अपनी समझ है। तमिलनाडु में कैसे शुरू हुआ ट्राई लैंग्वेज वॉर… 15 फरवरी: धर्मेंद्र प्रधान ने वाराणसी के एक कार्यक्रम में तमिलनाडु सरकार पर राजनीतिक हितों को साधने का आरोप लगाया। 18 फरवरी: उदयनिधि बोले- केंद्र लैंग्वेज वॉर शुरू न करें चेन्नई में DMK की रैली में डिप्टी CM उदयनिधि स्टालिन ने कहा- धर्मेंद्र प्रधान ने खुलेआम धमकी दी है कि फंड तभी जारी किया जाएगा, जब हम ट्राई लैंग्वेज फॉर्मूला स्वीकार करेंगे, लेकिन हम आपसे भीख नहीं मांग रहे हैं। जो राज्य हिंदी को स्वीकार करते हैं, वे अपनी मातृभाषा खो देते हैं। केंद्र लैंग्वेज वॉर शुरू न करे। 23 फरवरी: शिक्षा मंत्री ने स्टालिन को लेटर लिखा ट्राई लैंग्वेज विवाद पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन को लेटर लिखा। उन्होंने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) के विरोध की आलोचना की। उन्होंने लिखा, ‘किसी भी भाषा को थोपने का सवाल नहीं है, लेकिन विदेशी भाषाओं पर अत्यधिक निर्भरता खुद की भाषा को सीमित करती है। NEP इसे ही ठीक करने का प्रयास कर रही है।’ 25 फरवरी: स्टालिन बोले- हम लैंग्वेज वॉर के लिए तैयार हैं स्टालिन ने कहा- केंद्र हमारे ऊपर हिंदी न थोपे। अगर जरूरत पड़ी तो राज्य एक और लैंग्वेज वॉर के लिए तैयार है। NEP 2020 के तहत, स्टूडेंट्स को तीन भाषाएं सीखनी होंगी, लेकिन किसी भाषा को अनिवार्य नहीं किया गया है। राज्यों और स्कूलों को यह तय करने की आजादी है कि वे कौन-सी तीन भाषाएं पढ़ाना चाहते हैं। किसी भी भाषा की अनिवार्यता का प्रावधान नहीं है। प्राइमरी क्लासेस (क्लास 1 से 5 तक) में पढ़ाई मातृभाषा या स्थानीय भाषा में करने की सिफारिश की गई है। वहीं, मिडिल क्लासेस (क्लास 6 से 10 तक) में तीन भाषाओं की पढ़ाई करना अनिवार्य है। गैर-हिंदी भाषी राज्य में अंग्रेजी या एक आधुनिक भारतीय भाषा होगी। सेकेंड्री सेक्शन यानी 11वीं और 12वीं में स्कूल चाहे तो विदेशी भाषा भी विकल्प के तौर पर दे सकेंगे। गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी दूसरी भाषा 5वीं और जहां संभव हो 8वीं तक की क्लासेस की पढ़ाई मातृभाषा, स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा में करने पर जोर है। वहीं, गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी दूसरी भाषा के रूप में पढ़ाई जा सकती है। साथ ही, हिंदी भाषी राज्यों में दूसरी भाषा के रूप में कोई अन्य भारतीय भाषा (जैसे- तमिल, बंगाली, तेलुगु आदि) हो सकती है। ——————————————————- तमिलनाडु से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… तमिलनाडु सरकार ने बजट डॉक्यूमेंट में रुपए का सिंबल बदला, सीतारमण बोलीं- यह अलगाववाद जैसा नई शिक्षा नीति (NEP) और ट्राय लैंग्वेज पॉलिसी को लेकर तमिलनाडु और केंद्र सरकार के बीच विवाद चल रहा है। इस बीच तमिलनाडु की स्टालिन सरकार ने राज्य के बजट से ₹ का सिंबल बदलकर तमिल भाषा में कर दिया है। तमिलनाडु में DMK की सरकार है और एम के स्टालिन यहां के CM हैं। सरकार ने 2025-26 के बजट में ‘₹’ का सिंबल ‘ரூ’ सिंबल से रिप्लेस कर दिया। यह तमिल लिपी का अक्षर ‘रु’ है। पूरी खबर पढ़ें…

कमल हासन पर कन्नड़ भाषा-संस्कृति के खिलाफ बोलने पर रोक:बेंगलुरु की सिविल कोर्ट का आदेश; एक्टर ने कहा था- कन्नड़ तमिल से जन्मी
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