गोरखपुर की पंखुड़ी को अखिलेश यादव का मिला सपोर्ट:सपा मुखिया बोले – हमारा वादा,बच्ची की पढ़ाई नहीं रुकेगी, भाजपाई बच्चों से झूठ न बोलें 

​गोरखपुर के कोतवाली क्षेत्र के पुर्दीलपुर में रहने वाली 13 साल की पंखुड़ी को अखिलेश यादव ने सपोर्ट किया है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक्स पर लिखा है – हमारा वादा है बच्ची की पढ़ाई नहीं रुकेगी। दैनिक भाष्कर एप पर पंखुडी की कहानी पढ़कर अखिलेश यादव ने यह प्रतिक्रिया दी है। अखिलेश यादव ने पंखुड़ी प्रकरण के जरिए ही भाजपा पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा – भाजपाईयों से आग्रह है कि बच्चों से झूठ न बोलें। उनकी पोस्ट पर 74 हजार से अधिक लोग अभी तक अपनी प्रतिक्रिया भी दे चुके हैं। जाने क्या है पूरा पंखुड़ी प्रकरण- गोरखपुर के कोतवाली क्षेत्र के पुर्दीलपुर में 13 साल की पंखुड़ी परिवार के साथ रहती है। परिवार में पिता राजीव त्रिपाठी, मां मिनाक्षी और बड़ा भाई वंश है। पंखुड़ी के पिता राजीव त्रिपाठी घर की छत पर गिर गए थे। जिससे वह दिव्यांग हो गए। घर का खर्च चलाने के लिए मिनाक्षी को एक शॉप पर नौकरी करनी पड़ी। सरस्वती शिशु मंदिर में पंखुड़ी 6 में और बड़ा भाई वंश 12 वीं क्लास में पढ़ रहे हैं। आर्थिक तंगी होने के कारण पैरेंट्स दोनों की फीस जमा नहीं कर पा रहे थे। मिनाक्षी ने बड़े बेटे वंश की फीस जमा कर दी। मिनाक्षी का कहना था कि बेटा 12 वीं क्लास में पढ़ रहा है, उसका बोर्ड एग्जाम होना है। इसलिए उसकी फीस पहले जमा करा दी। इस बीच फरवरी माह में फीस जमा न हो पाने के कारण पंखुड़ी की पढ़ाई रूक गई। स्कूल ने पंखुड़ी को एनुअल एग्जाम भी नहीं देने दिया। चार माह से पंखुड़ी घर पर बैठी है। सीएम से मिलने जनता दरबार गई पंखुड़ी पंखुड़ी आईएएस बनना चाहती हैं। वह मैथ्स में काफी तेज हैं। परिवार को परेशान देखकर 1 जुलाई को मदद के लिए जनता दरबार में जाकर सीएम योगी आदित्यनाथ से मिली। सीएम ने पंखुड़ी की समस्या सुनी। तत्काल अधिकारियों को पंखुड़ी की फीस जमा कराने के लिए कहा गया। सीएम ने पंखुड़ी से ये भी कहा – मेहनत से पढ़ो, तुम्हारी फीस माफ हो जाएगी। इसके बाद पंखुड़ी को लगा कि वह फिर से स्कूल जा सकेंगी। वह घर पर तैयारी करने लगी। चार दिन बाद भी किसी अधिकारी ने संपर्क नहीं किया। तब 5 जुलाई को पंखुड़ी अपने पैरेंट्स के साथ स्कूल गई। वहां प्रिंसिपल काे फीस माफ करने के लिए प्रार्थना पत्र भी दिया। जिसको देखकर प्रिंसिपल ने कहा – हमारे स्कूल में ऐसी कोई सुविधा नहीं है। निराश होकर पंखुड़ी परिवार के साथ घर लौट आईं। घर आकर वह खूब रोई। परिवार ने उन्हें संभाला। ऐश्प्रा समूह ने की फीस जमा करने की पहल ऐश्प्रा समूह के निदेशक अतुल सराफ ने कहा- दैनिक भास्कर एप पर पंखुड़ी की कहानी पढ़ी है। कंपनी के सीएसआर से पंखुड़ी की फीस जमा कराएंगे। पूरे साल की फीस जमा कराई जाएगी। 

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