शेयर बाजार के लिए 10 जुलाई अहम:ये दिन निफ्टी की अगली दिशा तय कर सकता है, 5 बड़े ट्रिगर जो मार्केट को प्रभावित करेंगे 

शेयर बाजार में कल से शुरू होने वाले हफ्ते के लिए 10 जुलाई अहम होने वाला है। वेल्थ-व्यू एनालिटिक्स के डायरेक्टर हरशुभ शाह के मुताबिक ये दिन बाजार की अगली दिशा तय कर सकता है। वहीं उन्होंने अपनी वीकली मार्केट रिपोर्ट में कुछ खास समय और स्तर बताए हैं। इसके अलावा भारत-अमेरिका ट्रेड डील, पहली तिमाही के कंपनियों के नतीजे से लेकर विदेशी निवेशकों की खरीद-बिक्री और टेक्निकल फैक्टर्स बाजार की चाल तय करेंगे। चलिए समझते हैं कि इस हफ्ते बाजार में क्या हो सकता है… निफ्टी के अहम स्तर सपोर्ट जोन: 25,434 | 25,320 | 25,120 | 24,978 | 24,856 सपोर्ट यानी, वह स्तर जहां शेयर या इंडेक्स को नीचे गिरने से सहारा मिलता है। यहां खरीदारी बढ़ने से कीमत आसानी से नीचे नहीं जाती। इन स्तरों पर खरीदारी का मौका मिल सकता है। रेजिस्टेंस जोन: 25,586 | 25,600 | 25,910 | 26,234 रेजिस्टेंस यानी, वह स्तर जहां शेयर या इंडेक्स को ऊपर जाने में रुकावट आती है। ऐसा बिकवाली बढ़ने से होता है। अगर निफ्टी रजिस्टेंस जोन को पार करता है, तो नई तेजी आ सकती है। 10 जुलाई की तारीख बाजार के लिए अहम रिपोर्ट के मुताबिक 10 जुलाई का दिन बाजार के लिए टर्निंग पॉइंट हो सकता है। हरशुभ शाह ने कहा कि ट्रेडरों को इस दिन के प्राइस एक्शन और बताए गए समयों पर खास ध्यान देना चाहिए, ताकि बाजार की दिशा का अंदाजा लग सके। बीते हफ्ते की रिपोर्ट का एनालिसिस हरशुभ शाह ने कहा- हमने अपनी पिछली रिपोर्ट में 30 जून को अहम दिन बताया था। इस दिन निफ्टी ने हफ्ते का सबसे ऊंचा स्तर बनाया, लेकिन जैसे ही उस दिन का निचला स्तर टूटा, बाजार में लगातार तीन दिन तक गिरावट देखी गई। सोमवार, 30 जून: 9:25 AM, 11:10 AM, 12:35 PM, और 2:40 PM का टाइम दिया था। सुबह 9:25 बजे हाई बना। बाकी समय भी बाजार में अच्छे स्विंग्स देखे गए। मंगलवार, 1 जुलाई: 9:15 AM, 10:20 AM, 11:20 AM का टाइम दिया था। इस दिन सुबह 11:20 के बताए गए समय पर दिन का लो बना। बुधवार, 2 जुलाई: 11:20 AM, 12:45 PM का टाइम दिया था। इस दिन सुबह 11:20 बजे बिकवाली रुकी और 12:45 बजे फिर तेज हो गई। गुरुवार, 3 जुलाई: 9:25 AM, 12:15 PM का टाइम दिया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दिन सुबह 9:25 बजे ही वोलेटाइल लो बना। शुक्रवार, 4 जुलाई: 12:20 PM, 1:35 PM, 2:30 PM का टाइम दिया था। दोपहर 12:20 बजे लो बना और 2:30 बजे तेज खरीदारी शुरू हुई। अब 5 फैक्टर्स जो बाजार की दिशा तय कर सकते हैं… 1. भारत-अमेरिका व्यापार समझौता: टैरिफ की समय सीमा करीब भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता इस हफ्ते सुर्खियों में रहेगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 9 जुलाई तक टैरिफ पर 90 दिन की छूट दी थी। अगर दोनों देशों के बीच कोई समझौता हो जाता है, तो यह बाजार के लिए अच्छी खबर होगी। खासकर आईटी, फार्मा, और ऑटो जैसे क्षेत्र में तेजी देखने को मिल सकती है। लेकिन अगर बातचीत विफल होती है, तो टैरिफ बढ़ने से बाजार में अनिश्चितता बढ़ सकती है। 2. Q1 FY26 के नतीजे: टीसीएस और डीमार्ट से शुरुआत इस हफ्ते कॉरपोरेट कंपनियों के पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2025) के नतीजे शुरू हो रहे हैं। सबसे पहले नजर होगी आईटी दिग्गज टीसीएस और रिटेल कंपनी एवेन्यू सुपरमार्ट्स (डीमार्ट) पर। ये नतीजे पूरे तिमाही सीजन का मूड सेट करेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि कम मुद्रास्फीति, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा तीन बार ब्याज दरों में कटौती, और मजबूत आर्थिक विकास के कारण इस बार नतीजे बेहतर हो सकते हैं। अगर कंपनियों के नतीजे उम्मीदों से अच्छे रहे, तो बाजार में तेजी का रुझान देखने को मिल सकता है। 3. मानसून का प्रदर्शन: कृषि क्षेत्र के लिए अच्छी खबर इस साल जून 2025 में मानसून अच्छा रहा है। बारिश सामान्य से 8.9% ज्यादा हुई है, जो कृषि क्षेत्र के लिए अच्छी खबर है। अच्छा मानसून ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देता है, जिसका फायदा एफएमसीजी, ऑटो, और कृषि से जुड़ी कंपनियों को मिल सकता है। निवेशक इस बात पर नजर रखेंगे कि मानसून का यह सकारात्मक रुझान आगे भी जारी रहता है या नहीं। 4. विदेशी निवेशकों की गतिविधियां: बिकवाली का दबाव जुलाई में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) भारतीय शेयर बाजार से 5,773 करोड़ रुपए की बिकवाली कर चुके हैं। अगर विदेशी निवेशक बिकवाली जारी रखते हैं, तो बाजार पर दबाव बढ़ सकता है। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) लगातार खरीदारी कर रहे हैं। 5. ग्लोबल और डोमेस्टिक इकोनॉमिक फैक्टर्स बाजार पर ग्लोबल और डोमेस्टिक इकोनॉमिक फैक्टर्स का भी असर रहेगा। अमेरिका में फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की हालिया बैठक के मिनट्स इस हफ्ते जारी होंगे। इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतें, रुपए-डॉलर का रुझान और वैश्विक बाजारों का प्रदर्शन भी भारतीय बाजार को प्रभावित करेगा। ये बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे। बीते हफ्ते 0.70% गिरकर बंद हुआ शेयर बाजार बीते कारोबारी हफ्ते यानी, 30 जून-4 जुलाई के बीच निफ्टी 50 और सेंसेक्स दोनों 0.70% नीचे बंद हुए, जिससे उनकी दो हफ्तों की तेजी का सिलसिला टूट गया। यह गिरावट मुख्य रूप से मुनाफावसूली के कारण आई, क्योंकि निवेशक महत्वपूर्ण वैश्विक व्यापार घटनाओं से पहले सतर्क रुख अपना रहे हैं। हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार 4 जुलाई को सेंसेक्स 193 अंक चढ़कर 83,433 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में करीब 56 अंक की तेजी रही, 25,461 पर बंद हुआ । 

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