पुष्पा स्टाइल में बही लकड़ियों की CID जांच के निर्देश:CM बोले- पंडोह डैम केस में सच्चाई सामने आना जरूरी; गवर्नर जता चुके आपत्ति 

हिमाचल प्रदेश में 24 जून को कुल्लू में बादल फटने के बाद ‘पुष्पा स्टाइल’ में बाढ़ में बहकर पंडोह डैम पहुंची सैकड़ों टन लकड़ियों की CID जांच होगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपदा प्रबंधन को लेकर चल रही मीटिंग में इसकी जांच के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा, पंडोह डैम में लकड़ियां कहां से बहकर आई, इसका पता लगाया जाएगा। वन विभाग ने अपने स्तर पर जांच की है। अब CID जांच करवाकर सच्चाई को सामने लाया जाएगा। बता दें कि कुल्लू में बीते 24 जून को 4 जगह बादल फटा। इसके बाद हजारों टन लकड़ियां बहकर पंडोह डैम पहुंची थी। सोशल मीडिया पर इसे लेकर जनता ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए। ठियोग से कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर ने भी वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री से इसकी उचित जांच मांगी और कहा कि जंगलों का विनाश तबाही का कारण बन रहा है। विधायक के बयान को ठहराया गलत हालांकि कुलदीप राठौर के बयान को वन निगम के चेयरमैन केहर सिंह खाची ने गलत बताया था। मगर अब राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने भी बहती हुई लकड़ियों पर चिंता जताई। उन्होंने जंगलों का नाश करने वाले लोगों पर भी नाराजगी जाहिर की और पर्यावरण की पवित्रता बना रहने देने की अपील की। उन्होंने कहा, कुछ समय पहले वह डोडराक्वार गए थे। वह काटे गए मोटे मोटे पेड़ देखकर वह हैरान रह गए। कांग्रेस विधायक ने क्या कहा, 3 प्वाइंट में पढ़ें… खाची किया था कुलदीप राठौर पर पलटवार वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची ने कहा, “कुछ नेता एसी वाले बंद कमरों में बैठकर सरकार के खिलाफ बोलकर मीडिया की सुर्खियां हासिल करने की फिराक में रहते हैं। बिना तथ्यों को जाने पंडोह डैम में बहकर आई लकड़ी को लेकर कुलदीप सिंह राठौर ने जो बयान दिया है, वो गैरजिम्मेदाराना है”। उन्होंने खुद मौके पर आकर सारी चीजों को देखा है। वीडियो में जो लकड़ी दिखाई दे रही है, वह कोई अवैध कटान नहीं है, बल्कि यह जंगल का वो कचरा है, जो वर्षों से वहां एकत्रित होता रहता है। अब राज्यपाल के बयान और मुख्यमंत्री द्वारी सीआईडी जांच बिठाने के बाद केहर सिंह खाची खुद अपने बयान पर फंसते नजर आ रहे हैं। आपदा को लेकर चर्चा जारी वहीं. मुख्यमंत्री सुक्खू अभी आपदा को लेकर विभिन्न विभागों की मीटिंग ले रहे हैं। इसमें अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं। मीटिंग में प्रभावित परिवारों को मकान बनाने के लिए सरकार राहत राशि देने का फैसला करेगी जिनके मकान पूरी तरह ढह गए है। जिनके घरों को आंशिक नुकसान या गौशालाएं, पशुधन, जमीन इत्यादि को नुकसान पहुंचा है। ऐसे लोगों की मदद कैसे की जाए, इसे लेकर भी आज की मीटिंग में चर्चा संभावित है। 

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