हिमाचल प्रदेश में श्रीखंड यात्रा से पहले माता अंबिका और दत्तात्रेय स्वामी की छड़ी यात्रा आज (मंगलवार को) SDM निरमंड मनमोहन सिंह ने हरी झंडी दिखाकर श्रीखंड के लिए रवाना की। जूना अखाड़ा के साधुओं और स्थानीय लोगों का करीब 150 श्रद्धालुओं का दल श्रीखंड गया। 10 जून को गुरु पूर्णिमा पर भगवान भोलेनाथ के दर्शन के बाद यह छड़ी यात्रा वापस निरमंड लौटेगी। इसी दिन से श्रीखंड यात्रा आधिकारिक तौर पर श्रद्धालुओं के लिए शुरू हो जाएगी। निरमंड से इस छड़ी यात्रा को विधिवत पूजा-अर्चना के बाद रवाना किया गया। इस दौरान पूरा निरमंड हर हर महादेव के जयकारों के साथ गूंज उठा। देशभर से साधु-संत निरमंड पहुंचे छड़ी यात्रा को रवाना करने के लिए देशभर के विभिन्न अखाड़ों के बड़ी संख्या में साधु-संत निरमंड पहुंचे। छड़ी यात्रा समिति के अध्यक्ष टकेश्वर शर्मा ने बताया कि गुरु पूर्णिमा पर दर्शन करने के बाद यह छड़ी यात्रा 10 जून को श्रीखंड से वापस लौटेगी और 14 जून को निरमंड अखाड़ा पहुंचेगी। इस दौरान यहां विशाल भंडारे का आयोजन होगा। इन दिनों यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन चल रहा बता दें कि, श्रीखंड महादेव यात्रा के लिए इन दिनों ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन चल रहा है। 10 से 23 जुलाई तक चलने वाले इस धार्मिक यात्रा में देशभर के श्रद्धालु भाग लेंगे। किसी को भी बिना पंजीकरण यात्रा पर नहीं भेजा जाएगा। इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। यात्रा पर रवाना करने से पहले फिटनेस टेस्ट भी पास करना होगा, क्योंकि यह उत्तर भारत की सबसे कठिन धार्मिक यात्रा मानी जाती है। इस दौरान के दौरान संकरे रास्ते, ग्लेशियर, ऊंचे पहाड़, पानी के बहते नाले को पार करना होता है। श्रद्धालुओं को लगभग 32 किलोमीटर संकरे रास्ते से पैदल चलना पड़ता है। श्रीखंड की चोटी समुद्र तल से 18 हजार 570 फीट की ऊंचाई पर होने से ऑक्सीजन की कमी भी होती है। श्रीखंड को लेकर श्रद्धालुओं की मान्यता मान्यता है कि श्रीखंड की चोटी पर भगवान शिव का वास है। यहां शिला के रूप में 72 फीट ऊंचा शिवलिंग है। यहां पहुंचकर श्रद्धालु इसकी परिक्रमा और पूजा करते हैं। इससे उन्हें मनवांछित फल मिलता है और उनकी इच्छा पूरी होती है। पार्वती बाग से आगे ऑक्सीजन की कमी श्रीखंड के यात्री जितना ऊंचाई पर जाते हैं, वहां ऑक्सीजन की कमी होना भी शुरू हो जाती है। इससे कई श्रद्धालुओं को बिना दर्शन के वापस लौटना पड़ता है। पार्वती बाग के आगे कुछ इलाकों में यह परेशानी ज्यादा होती है। इन सड़कों से पहुंचे श्रीखंड श्रीखंड जाने वाले यात्री शिमला जिले के रामपुर से कुल्लू जिला के निरमंड होकर बागीपुल और जाओ तक गाड़ियों व बस में पहुंच सकते हैं। शिमला से रामपुर की दूरी 130 किमी, रामपुरा से निरमंड 17 किमी, निरमंड से बागीपुल 17 किमी और बागीपुल से जाओ की दूरी 12 किमी है। यहां से आगे 32 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी होती है।

श्रीखंड को छड़ी यात्रा रवाना, SDM ने हरी झंडी दिखाई:देशभर के साधु-संत पहुंचे, 10 जुलाई से भोलेनाथ के दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु
Related Posts
-
Lauren Filer eyes magic 80mph mark after Oval fast show
England quick averaged 76mph during furious spell that helped England to snatch victory in third…
-
ट्रेड यूनियन्स का दावा-25 करोड़ कर्मचारी कल हड़ताल पर:बैंक-डाकघर में काम बंद रहेगा, परिवहन सेवाएं ठप हो सकती हैं
बैंक, बीमा, डाक, कोयला खनन, हाईवे, निर्माण, और कई राज्यों में सरकारी परिवहन जैसी अहम…
-
भारत ने रॉयटर्स समेत 2,300-अकाउंट्स ब्लॉक करने को कहा:X का दावा- विरोध के बाद आदेश वापस लिया, सरकार ने कहा- कोई नया आदेश नहीं दिया
माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) ने मंगलवार को दावा किया कि भारत सरकार ने…
-
‘राजनीति मत करो, नहीं तो छोड़ेंगे नहीं’:उपेंद्र कुशवाहा को फिर मिली जान से मारने की धमकी, कहा-भाई के खर्चे पर पूरा बिहार हिला देंगे
पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली…