‘CM के निर्देश पर 200 से ज्यादा FIR’:लखनऊ में बायर्स बोले- दिल्ली-मुंबई में पार्टी कर रहा अंसल बिल्डर, आम आदमी को घर से उठा लेती है पुलिस 

​एक आम आदमी के खिलाफ अगर थाने में शिकायत होती है तो पुलिस उसको उसके घर से उठा लेती है। अंसल बिल्डर के खिलाफ 250 से ज्यादा मुकदमे लखनऊ सहित यूपी के कई जिलों में दर्ज हैं। बावजूद इसके उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। वो दिल्ली-मुंबई में पार्टी कर रहा है। बड़े-बड़े लोगों के साथ फोटो पोस्ट कर रहा है। ऐसे में हमको क्या इंसाफ मिलेगा? ये कहना है अंसल बिल्डर के होम बायर्स का है। कल यानी सोमवार को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में इस मामले को लेकर सुनवाई है। दैनिक भास्कर टीम ने अंसल के बायर्स डॉ. विपिन गिरी, डॉ. अमित मल्होत्रा और एस.आर. वर्मा सहित कई लोगों से बातचीत की। सभी ने कंपनी और प्रशासन को लापरवाह बताया। कहा कि अंसल ग्रुप ने सैकड़ों निवेशकों से करोड़ों रुपए वसूल कर जमीन-घर का झूठा सपना दिखाया, लेकिन 15 साल बाद भी न रजिस्ट्री हुई और न ही कब्जा मिला। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद बिल्डर के खिलाफ 200 से ज्यादा FIR दर्ज हुई, फिर भी बिल्डर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पढ़िए बायर्स ने जो कहा… बिल्डर दिवालिया घोषित कर खुद को बचा रहा है
बायर्स डॉ. वीपी गिरी ने बताया कि अंसल ग्रुप ने निवेशकों को धोखा देने के लिए खुद को दिवालिया घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा था कि आरोपी को पाताल लोक से निकाल लाएंगे, लेकिन जिस व्यक्ति ने हजारों लोगों का पैसा लूटा, वो आज दिल्ली-मुंबई में घूम रहा है। पार्टियां कर रहा है। जिस जमीन को लेकर निवेश कराया गया था, वह सिर्फ 25% ही अंसल में थी। 15 साल बीतने के बाद भी न कब्जा मिला और न ही रजिस्ट्री हुई। 200 से ज्यादा FIR फिर भी खुला घूम रहा है बिल्डर
बायर्स डॉ. अमित मल्होत्रा ने बताया कि 2005 से 2010 तक अंसल API ने हजारों लोगों को प्लॉट बेच दिए। हमने 90% तक भुगतान कर दिया, लेकिन आज तक कब्जा नहीं मिला। पहले तो मुकदमे भी दर्ज नहीं होते थे, लेकिन सीएम के निर्देश के बाद 200 से ज्यादा FIR हो चुकी है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अगर आम आदमी पर कोई आरोप लगे तो पुलिस तुरंत कार्रवाई करती है, लेकिन अंसल के मालिक को कोई छू भी नहीं रहा। जब अंसल प्रॉपर्टी को विकसित नहीं कर पा रहा है। फर्जी आवंटन और सालों से इंतजार
बायर्स एस.आर. वर्मा ने बताया कि उन्होंने 2010 में प्लॉट बुक किया और पूरा भुगतान भी कर दिया। कई बार प्लॉट की जगह बदली गई। उन्हें गुमराह किया गया। 2017 में प्लॉट का आवंटन तो हुआ, लेकिन रजिस्ट्री और कब्जा आज तक नहीं मिला है। बिल्डर ने जानबूझकर खुद को दिवालिया घोषित किया, ताकि निवेशकों का पैसा हड़प सके। मैंने केस दर्ज करवाया लेकिन पुलिस ने केवल खानापूरी की है। कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। हमने घर का सपना देखा था, अब वो सपना एक डरावना धोखा बन गया है
बायर्स प्रशांत सिन्हा ने बताया- मैंने अंसल में 2012 में प्लॉट बुक किया था 13 साल बीत जाने के बाद भी आज तक ना कब्जा मिला है ना रजिस्ट्री हुई है। इस मामले को लेकर के अंसल के मालिक के खिलाफ 7 मई को FIR दर्ज कराई थी। बड़ी मुश्किल से मुकदमा दर्ज हो पाया लेकिन, अभी तक आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया, लेकिन धाराएं बहुत छोटी लगाई है। मुकदमा दर्ज करने के 4 महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक जांच शुरू नहीं हुई है। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अंसल बिल्डर का परफॉर्मेंस गारंटी जमा कराया था। पढ़िए क्या है पूरा मामला… नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने अंसल API को दिवालिया घोषित करते हुए कंपनी के लखनऊ और नोएडा के प्रोजेक्ट्स पर इंटैरिम रेजोल्यूशन प्रफेशनल (IRP) बैठा दिया। इसके साथ ही इन प्रोजेक्ट्स में प्लॉट, फ्लैट, विला और कॉमर्शियल प्लॉटों के साथ दुकानों में निवेश करने वाले करीब दो हजार से ज्यादा निवेशकों के हजारों करोड़ रुपए फंस गए हैं। इनमें सैकड़ों ऐसे हैं, जिन्हें कंपनी ने साल 2009 में प्लॉट और फ्लैट बेचे, लेकिन अब तक कब्जा नहीं दिया। इस मामले में मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद शासन स्तर की एक कमेटी बनाई गई है जो जांच कर रही है। कल यानी सोमवार को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में मामले की सुनवाई है। —————– यह खबर भी पढ़िए… “चुनाव आयोग BJP के इशारे पर काम कर रहा है”:अखिलेश ने नई वोटर लिस्ट पर सवाल उठाए, बोले- कुछ लोग CM बनने की दवा खोज रहे हैं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को चुनाव आयोग पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर काम कर रहा है। जब चुनाव सिर पर हैं, तभी नई वोटर लिस्ट बनाने की प्रक्रिया क्यों…पूरी खबर पढ़ें 

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